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बड़े स्कूल को देना होगा गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला : स्कूल की अपील खारिज; एडम‌िशन के ल‌िए स्कूल को म‌िला था पत्र

बड़े स्कूल को देना होगा गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला : स्कूल की अपील खारिज; एडम‌िशन के ल‌िए स्कूल को म‌िला था पत्र



स्कूल की अपील की खारिज

सिटी मॉण्टेसरी स्कूल (सीएमएस) को आरटीई अधिनियम के तहत 13 गरीब बच्चों के दाखिला मामले में हाईकोर्ट से एक बार फिर राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीएमएस की तरफ से दायर विशेष अपील को भी गुरुवार को खारिज कर दिया। 

इसमें गत छह अगस्त को स्कूल की रिट पर दिए गए एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को उचित करार दिया।

न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति अनंत कुमार की खंडपीठ ने यह फैसला सीएमएस के संस्थापक-प्रबंधक की विशेष अपील पर सुनाया। गत छह अगस्त को एकल न्यायाधीश ने बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (आरटीई) अधिनियम 2009 और इसके नियमों के तहत 13 गरीब बच्चों को स्कूल की इंदिरानगर शाखा में हफ्ते भर में दाखिला दिलवाने के निर्देश दिए थे।

याची स्कूल की तरफ से इसको चुनौती देते हुए दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष उक्त विशेष अपील दायर की गई थी। कोर्ट ने फैसले में कहा कि उक्त अधिनियम के प्रावधानों और केंद्र सरकार की तरफ से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के प्रकाश में एकल न्यायाधीश के निर्देशों को किसी भी तरह से त्रुटिपूर्ण नहीं कहा जा सकता।



एडम‌िशन के ल‌िए स्कूल को म‌िला था पत्र

अदालत ने इस टिप्पणी के साथ अपील खारिज कर दी। मालूम हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जुलाई में 31 गरीब बच्चों के आवेदन सीएमएस में दाखिले के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीएम के यहां भेजे थे। 

डीएम से स्वीकृति मिलने पर इन बच्चों के प्रवेश के लिए स्कूल को पत्र लिखा गया। इसके खिलाफ स्कूल के संस्थापक प्रबंधक ने कोर्ट में रिट दाखिल की। यहां से आदेश हुआ कि इनमें से 13 बच्चे स्कूल के करीब हैं जिन्हें दाखिला दिया जाए। 

गरीब बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलवाने के लिए मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय ने भी प्रयास किया था। वहीं इन बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल पर हंगामा भी किया। लेकिन स्कूल किसी भी स्थिति में बच्चों को प्रवेश देने के लिए तैयार नहीं हुआ।

       खबर साभार : अमरउजाला


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