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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

रातों-रात बनाए मनमाने स्कूलों के नियुक्ति पत्र : शिक्षकों का तैनाती स्कूल और विकल्प पत्र में भरे स्कूलों का मिलान किया गया तो इसमें काफी अंतर था, अब यह अंतर कैसे हुआ जांच हो रही है कारवाई होगी |

रातों-रात बनाए मनमाने स्कूलों के नियुक्ति पत्र : शिक्षकों का तैनाती स्कूल और विकल्प पत्र में भरे स्कूलों का मिलान किया गया तो इसमें काफी अंतर था, अब यह अंतर कैसे हुआ जांच हो रही है कारवाई होगी |

फिरोजाबाद। बीएसए सजग न रहते तो बुधवार रात्रि को ही गणित व विज्ञान विषय के शिक्षकों को स्कूल वितरण में भारी गड़बड़ी हो जाती। एक शिक्षक के स्कूल का विकल्प पत्र से मिलान कराने पर बीएसए को शंका हुई। उन्होंने एक-एक कर विकल्प पत्रों का नियुक्ति पत्र की सूची से मिलान कराया तो कई शिक्षकों के स्कूल बदले हुए थे। बीएसए ने पूरी रात बीआरसी पर कर्मचारियों के साथ बैठकर नियुक्ति पत्र तैयार कराए।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित व विज्ञान विषय के सहायक अध्यापकों के 400 पदों के सापेक्ष कागजी कार्यवाही पूर्ण होने के बाद विभाग शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी में जुटा हुआ था। बुधवार को बीआरसी पर कुछ लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटर शिक्षक और स्कूलों की सूची तैयार करने में जुटे हुए थे।

बीएसए बालमुकुंद प्रसाद उनके साथ कार्य की मॉनीटरिंग कर रहे थे। सूची तैयार होने के बाद जैसे ही सूची बीएसए के पास आई तो उन्होंने एक शिक्षक के स्कूल का विकल्प पत्र से मिलान कर लिया। मिलान न होने पर बीएसए ने और भी विकल्प पत्रों को मिलाया। नियुक्ति पत्र वितरण की सूची पर हस्तारक्षर करने से पूर्व बीएसए की यह सजगता काफी काम आई। कई आवेदकों के रातोंरात स्कूल ही बदल चुके थे। शिक्षकों ने विकल्प पत्र में कोई अन्य स्कूल और नियुक्ति किसी दूसरे स्कूल में दी जा रही थी। बीएसए तैनाती मिलने वाली सूची का मिलान न करते तो संभवत: गुरुवार को शिक्षकों में विरोध की स्थिति पैदा हो सकती थी। 

बीएसए ने विभागीय कर्मचारियों को दोबारा से विकल्प पत्र के आधार पर स्कूलों का वितरण कर नियुक्ति पत्र तैयार करने के निर्देश दिए। रातभर कर्मचारी कंप्यूटर पर यह कार्य कराने में जुटे रहे। कर्मचारियों के साथ-साथ बीएसए की पैनी निगाह भी कंप्यूटर पर रही। क्रॉस चेकिंग के बाद सुबह छह बजे सभी कार्य समाप्त कर लिया गया। अब यह खेल किसी विभागीय कर्मी या संविदा कर्मी का है, अभी कहा नहीं जा सकता है। इस मामले की बीएसए ने जांच कराने की ठानी है। पूर्व से भर्तियों में इस प्रकार के खेल होते रहे हैं। इस बार भी शिक्षक मनचाहा स्कूल पाने को विभागीय कर्मचारियों से सेटिंग साधने में लगे हुए थे।

शिक्षकों का तैनाती स्कूल और विकल्प पत्र में भरे स्कूलों का मिलान किया गया तो इसमें काफी अंतर था। अब यह अंतर कैसे हुआ और किसने किया, इसकी जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी करने वाले पर कार्रवाई होगी।
-बालमुकुंद प्रसाद, बीएसए

         खबर साभार : हिन्दुस्तान

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