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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

अयोग्य थे तो क्यों कराई बाल और जनगणना? : न्यायालय के फैसले से शिक्षामित्रों की आंखों में आंसू हैं तो मन में गुस्सा; देश के इतिहास में पहली बार न्यायालय ने ऐसा फैसला लिया है जो एक लाख 75 हजार शिक्षकों के परिवारों पर भारी पड़ा

अयोग्य थे तो क्यों कराई बाल और जनगणना? : न्यायालय के फैसले से शिक्षामित्रों की आंखों में आंसू हैं तो मन में गुस्सा; देश के इतिहास में पहली बार न्यायालय ने ऐसा फैसला लिया है जो एक लाख 75 हजार शिक्षकों के परिवारों पर भारी पड़ा 

फीरोजाबाद: न्यायालय के फैसले से शिक्षामित्रों की आंखों में आंसू हैं तो मन में गुस्सा। रविवार को गांधी पार्क एवं बीआरसी पर शिक्षामित्र जुटे तो न्यायालय के इस फैसले की टीस साफ झलकी। पहले अलग-अलग बैठकें हुई। इसके बाद में दोनों ही गुटों ने एक साथ प्रदर्शन का फैसला लेते हुए फीरोजाबाद ब्लाक संसाधन केंद्र पर हुंकार भरी। शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर खंड शिक्षाधिकारी फीरोजाबाद तरुण कुमार को ज्ञापन सौंपा।

सुबह दस बजे गांधी पार्क एवं फीरोजाबाद ब्लाक संसाधन केंद्र पर शिक्षामित्रों ने बैठक की। यहां पर शिक्षामित्रों ने कई मुद्दे उठाए। उन्होने कहा जब हम बाल गणना कर रहे थे तो अयोग्य नहीं थे। नाममात्र के मानदेय पर बच्चों को पढ़ा रहे थे तब अयोग्य नहीं थे। शिक्षक बनने की आस में ¨जदगी के 15 वर्ष गुजार दिए। कई उम्र की उस दहलीज पर पहुंच गए हैं, जहां दूसरी नौकरी के लिए भी प्रयास नहीं कर सकते हैं। इसके बाद भी न्यायालय ने अयोग्य करार दे दिया। शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया है। यह भी नहीं सोचा हजारों परिवारों पर क्या बीतेगी।

शिक्षामित्रों ने कहा देश के इतिहास में पहली बार न्यायालय ने ऐसा फैसला लिया है जो एक लाख 75 हजार शिक्षकों के परिवारों पर भारी पड़ा है। शिक्षामित्रों के साथ अन्याय हुआ है। मांग उठाई गई कि इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में आवाज उठाई जाएगी। गांधी पार्क में बैठक के बाद में शिक्षामित्र जिला मुख्यालय स्थित ब्लाक संसाधन केंद्र पर पहुंचे। यहां पर दोनों संगठनों ने एकजुट होकर शिक्षामित्रों की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया। शिक्षामित्रों ने कहा हमारे भाई आत्महत्या कर रहे हैं। सदमे का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया इस तरह का कोई कार्य नहीं करें। हमें हताश नहीं होना है, बल्कि संघर्ष करना है। प्रदर्शन में उमेश यादव, श्रीओम यादव, संजय यादव, नागेंद्र प्रताप, विजयपाल यदव, अश्विनी तिवारी, सतीश चंद्र, दीपिका ¨सह, सरोज देवी, निर्मला ¨सह, रितु यदुवंशी, उमेश यादव, आशीष, प्रदीप तिवारी, आनंद पाल ¨सह सहित सैकड़ों शिक्षामित्र एकजुट थे।

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आखिर उनका प्रशिक्षण मान्य कैसे

शिक्षामित्रों ने कहा 72825 भर्ती के तहत नियुक्ति पाने वाले कई प्रशिक्षणार्थियों ने समायोजित हुए शिक्षामित्रों के निर्देशन में प्रशिक्षण लिया है। अगर शिक्षामित्रों का समायोजन गलत है तो फिर बीटीसी धारकों का प्रशिक्षण सही कैसे हो सकता है। उनके प्रशिक्षण को भी रद्द किया जाए।

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फैसला सही बताने वालों को दिया जाएगा जवाब

प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्रों ने कहा कुछ राजनीतिक दलों ने न्यायालय के फैसले को सही बताया है। इन राजनेताओं एवं दलों को शिक्षामित्रों के द्वारा वक्त आने पर करारा जवाब दिया जागा।

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सरकार का आदेश आने तक जाएंगे स्कूल

बैठक में तय हुआ अगर शिक्षामित्र एलान कर दें तो कल से कोई स्कूल नहीं जाएगा। इस पर शिक्षामित्रों ने कहा सरकार का आदेश आने तक स्कूल जाएंगे। अभी सरकार ने कोई आदेश नहीं किया है। सरकार शिक्षामित्रों की पैरवी कर रही है। कोई भी उग्र आंदोलन न करने का फैसला लेते हुए कहा शिक्षामित्र शांतिपूर्वक अपनी मांग को ऊपर तक पहुंचाएंगे।

      खबर साभार : दैनिकजागरण

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