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जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की जताई संभावना : सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशों में वेतन को 3 गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया

जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की जताई संभावना : सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशों में वेतन को 3 गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया

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नई दिल्लीः केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों पर जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की संभावना जताई जा रही है। खबरों के अनुसार आयोग ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी हैं लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हाल ही में सरकार ने वेतन आयोग कमिटी के कार्यकाल को दिसंबर तक बढ़ा दिया था। सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशों में वेतन को 3 गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया है। 

पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 इसका गठन किया था। जस्टिस एके माथुर इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं। 1978 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन रॉय इसके अन्य सदस्य हैं और मीना अग्रवाल इसकी सचिव है। कमिटी की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू होनी है। सरकार प्रत्येक 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती है और अपने कर्मचारियों के पे स्केल की समीक्षा करती है। इसके बाद राज्य सरकारें भी इन सिफारिशों को लागू कर देती है। वेतन आयोग से 18 केन्द्र कर्मचारी और 55 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।

ऐसा कहा जा रहा है कि सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 15-16 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी। कर्मचारियों की न्यूनतम सैलेरी 15000 रुपए प्रति माह हो जाएगी। छठे वेतन आयोग ने बेसिक सैलेरी को 2550 रुपए से बढ़ाकर 6660 रुपए कर दिया था। जानकारों का मानना है कि सातवें वेतन आयोग से सबसे ज्यादा निचले कर्मचारियों को फायदा होगा। अटकलें लगाई जा रही है कि सातवें वेतन आयोग में कर्मचारियों के पे-बैंड को भी घटाकर 13 किया जा सकता है, अभी 32 पे-बैंड हैं। पे-बैंड कम होने से आईएएस, आईपीएस और आईआरएस का वेतन समान हो जाएगा।

सातवें वेतन आयोग लागू होने से राजकोष पर जोरदार असर पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि इससे केन्द्रीय कर्मचारियों का सैलेरी बिल 9.56 प्रतिशत बढ़कर 100619 करोड़ का हो जाएगा। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के चलते केन्द्रीय कर्मचारियों के भत्ते दुगुने हो गए थे। इससे राजकोष से 166792 करोड़ खर्च हुए। इसके साथ ही सरकार पर वन रैंक वन पेंशन पर भी सामंजस्य बिठाना है।

पहला पे कमीशन 1946 में आया और उस समय बेसिक सैलेरी को बढ़ाकर 35 रुपए किया गया। दूसरा पे कमीशन 1959 में आया और बेसिक सैलेरी 80 रुपए की गई। 1973 में तीसरे पे कमीशन में बेसिक सैलेरी बढ़कर 185 रुपए हो गई। 1986 में चौथे पे कमीशन में 750 रुपए, 1996 में पांचवें पे कमीशन में बेसिक सैलेरी बढ़ाकर 2550 रुपए कर दी गई। 2006 में छठे वेतन आयोग ने बेसिक सैलेरी 6660 रुपए करने की सिफारिश की।

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