logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

राष्ट्रपति पुरस्कार चयन में फर्जीवाड़ा : जिन शिक्षकों को डायट प्राचार्य ने वर्ष 2013 में राष्ट्रपति पुरस्कार (teacher award) के लिए अपात्र करार दिया था, उसी फाइल को प्रभारी डायट प्राचार्य और बीएसए ने दोबारा से 2014 में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेज दिया

राष्ट्रपति पुरस्कार चयन में फर्जीवाड़ा : जिन शिक्षकों को डायट प्राचार्य ने वर्ष 2013 में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए अपात्र करार दिया था, उसी फाइल को प्रभारी डायट प्राचार्य और बीएसए ने दोबारा से 2014 में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेज दिया


बुलंदशहर : जानकर हैरत होगी कि पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन में भी धांधली व सेटिंग होती है। इसका खुलासा प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र से हुआ है। अनियमितता देखिए कि जिन शिक्षकों को डायट प्राचार्य ने वर्ष 2013 में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए अपात्र करार दिया था, उसी फाइल को प्रभारी डायट प्राचार्य और बीएसए ने दोबारा से 2014 में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेज दिया। इस फर्जीवाड़ा से उस रिपोर्ट में से एक शिक्षक का चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए हो भी गया। बड़ा सवाल यह है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर पांच सितंबर को आयोजित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति इन्हें पुरस्कृत करते हैं या नहीं?

दरअसल, वर्ष 2013 में तीन शिक्षकों ने राष्ट्रपति एवं राज्य पुरस्कार के लिए आवेदन किया था। डायट प्राचार्य एसके सुमन की अध्यक्षता में चयन समिति ने 13 फरवरी 2014 को बैठक कर आवेदन करने वाले शिक्षकों के विद्यालयों का औचक निरीक्षण कराया। निरीक्षण में आवेदन करने वाले हुकुम ¨सह, राधादेवी और राकेश पालीवाल के स्कूलों की स्थिति ठीक नहीं पाई गई। इन स्कूलों में न तो अनुशासन सही था और न ही शैक्षिक गुणवत्ता।

निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर डायट प्राचार्य ने तीनों फाइलों को असंस्तुत कर दिया। इसके बावजूद तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी महेश चंद जो हाल में शासन द्वारा सस्पेंड किए गए हैं, उन्होंने पुरस्कार के लिए तीनों शिक्षकों के नाम शासन को भेज दिये। इस फाइल को शासन ने आपत्ति लगाकर वापस बीएसए को भेज दिया। इस तरह वर्ष 2013 में जनपद से किसी भी शिक्षक का इस पुरस्कार के लिए चयन नहीं हो पाया था। वर्ष 2014 में इन्हीं असंस्तुत फाइल को खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर तत्कालीन बीएसए महेश चंद्र एवं तत्कालीन प्रभारी डायट प्राचार्य मूल चंद वर्मा ने शासन को भेज दिया।

बहरहाल, इस फर्जीवाड़ा में उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला शेख के प्रधानाध्यापक हुकम ¨सह का चयन वर्ष 2014 राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए हो गया है। उन्हें 5 सितंबर को दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे।

इधर, रिटायर्ड शिक्षक राकेश पालीवाल की शिकायत पर राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि बुलंदशहर में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए हुए चयन में फर्जीवाड़ा हुआ है। बुलंदशहर में शिक्षकों के राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में जिलास्तरीय उप चयन समिति एवं जिलास्तरीय पुरस्कार चयन समिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसकी गहराई से जांच कराई जाए।

इन्होंने कहा.......

राष्ट्रपति और राज्य पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाली फाइलों पर आपत्ति लगाते हुए मैंने असंस्तुत कर दिया था। इसके बाद बीएसए ने फाइल कैसे शासन को भेज दी, यह मुझे पता नहीं है। वर्ष 2014 में में जब छुट्टी पर गया हुआ था। उस दौरान मेरा काम प्रवक्ता मूलचंद वर्मा देख रहे थे। यह फाइल मूलचंद वर्मा ने मेरे बिना संज्ञान के बीएसए से मिलकर शासन को भेज दी। यह बिल्कुल गलत हुआ है।
- एसके सुमन, डायट प्राचार्य

         खबर साभार : दैनिकजागरण

Post a Comment

0 Comments