दो साल में 1.82 करोड़ निरक्षरों को बनाएंगे साक्षर : अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर साक्षरता निकेतन में कार्यक्रम
लखनऊ। अगले दो साल में 1.82 करोड़ निरक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। ये कहना है साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा का। वे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर सरोजनीनगर स्थित साक्षरता निकेतन में आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने प्रदेश में साक्षरता के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की रिपोर्ट भी पेश करते हुए कहा कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीय शिक्षा संस्थान द्वारा कराई गई परीक्षा में 58.20 लाख शामिल हो चुके हैं। इसमें 45 लाख प्रतिभागी सफल रहे हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के बाद शिक्षक व छात्रों का अनुपात कम हुआ है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिल रहा है। लड़कियों के स्कूल आने के प्रतिशत में भी बढ़ोतरी हुई है। प्रमुख सचिव शिक्षा डिम्पल वर्मा ने महिलाओं की साक्षरता पर जोर देते हुए कहा कि सभी शिक्षकों को अपना उत्तरदायित्व समझना होगा। इससे बेसिक शिक्षा में सुधार होगा और साक्षरता के कार्यक्रम भी सफलतापूर्वक संचालित होंगे। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह ने सरकार द्वारा किए गए कार्यों की रूपरेखा पेश की। उन्होंने समाजसेवी संस्थाओं से आह्वान किया है शिक्षा के क्षेत्र में पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त करने में सरकार का सहयोग करें।
इनका हुआ सम्मान
समारोह में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिम्पल वर्मा ने साक्षरता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए भदोही के नीरज कुमार उपाध्याय, आगरा की उमा प्रजापति, उझानी बदायूं के उदयवीर सिंह, लालगंज रायबरेली के सतीष कुमार अग्रवाल, सैम्बसी रायबरेली की अर्चना देवी, चिमनामऊ रायबरेली के मनोज कुमार, कोरिहरा रायबरेली के रामसुमेर, बरारा आगरा के सत्यपाल सिंह, बीबीपुर बदायूं की अनीता देवी, लालपुर गंगवारी, मुरादाबाद के मुहम्मद जावेद को स्मृत चिह्न एवं प्रमाण प्रत्र देकर सम्मानित किया।
साक्षरता निकेतन परिसर में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया।
खबर साभार : अमरउजाला
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