SSA के अन्तर्गत भवन निर्माण में आरोपी शिक्षकों से न हो पाई पूरी रिकवरी और न पूरे हो सके अधूरे निर्माण : घोटाले में फंसा सरकारी स्कूलों का निर्माण
लखनऊ। ये चंद उदाहरण सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत राजधानी में परिषदीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष व चहारदीवारी के निर्माण में किए गए घोटाले की नजीर है। करीब तीन साल पहले किए गए इस घोटाले में स्कूलों का निर्माण फंस गया है। न तो अधूरा निर्माण पूरा हो पाया और न ही पूरी तरह से आरोपियों से रिकवरी ही हो सकी। अब अफसरों का तर्क है कि यदि रिकवरी पूरी हो भी गई तो निर्माण नहीं कराया जा सकता क्योंकि मौजूदा समय में निर्माण कराना काफी मंहगा हो गया है।हर साल सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकार को बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए भारी भरकम बजट उपलब्ध कराती है। इस बजट से सरकारी स्कूलों का निर्माण, अतिरिक्त कक्षा कक्ष, यूनीफार्म व पुस्तकों आदि का वितरण सहित अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन 2010-11 व 2011-12 में इस बजट में दी गई धनराशि की राजधानी में जमकर बंदरबांट हुई। स्कूलों के नए भवन, अतिरिक्त कक्षा कक्ष तथा चहारदीवारी के निर्माण के लिए दिए गए करीब एक करोड़ 35 लाख रुपए अधूरे निर्माण कर डकार लिए गए। इसमें शिक्षक बने ठेकेदारों से लेकर तत्कालीन अधिकारी भी शामिल रहे।कहीं अधूरे, कहीं बना ही नहींराजधानी में लाखों रुपए के स्कूल निर्माण घोटाले में तत्कालीन अफसरों की पूरी मिली भगत थी। लिहाजा कमीशनखोरी केचलते अपने चेहते शिक्षकों को ही ज्यादातर स्कूलों के निर्माण का ठेका दिया गया। लेकिन आरोपी शिक्षकों ने भी कहीं निर्माण कराया तो कहीं शुरूआत भी नहीं कराई और पैसा खाते से निकाल लिया। जानकारी के अनुसार प्राथमिक विद्यालय घोसियाना में चार कमरे का पैसा गया, लेकिन निर्माण नहीं हुआ। प्राथमिक विद्यालय खरिका प्रथम में खिड़की दरवाजे गायब हैं। फर्श अधूरी पड़ी है। सूत्रों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय हड़यन खेड़ा, प्राथमिक विद्यालय अमौसी तीन, अमौसी दो सहित दर्जन भर स्कूलों का निर्माण अधूरा है।
प्रा.वि. खरिका
प्राथमिक विद्यालय खरिका में यह सोच कर अतिरिक्त कक्ष बनवाने का पैसा दिया गया था कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे यहां आकर पढ़ सकें। लेकिन घोटाले बाजों ने शिक्षा के मंदिर को भी नहीं छोड़ा। स्थिति यह है कि यहां कमरों में आज तक खिड़की पल्ले तक नहीं लगाए गए। जो निर्माण कराया वो भी घटिया। लेकिन खाते से पूरे पैसे निकाल कर हजम कर लिए गए। जिससे स्थिति अधूरे निर्माण की स्थिति काफी खराब हो गई है।
वर्ष 2012 में सरोजनी नगर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय गहरू में चार कमरों के निर्माण के लिए करीब 10 लाख रुपए शिक्षक के खाते में भेजा गया। लेकिन यहां निर्माण के नाम पर सिर्फ चहारदीवारी तथा बरामदा बनाकर खाते से सारा पैसा निकाल लिया गया। छत आज तक नहीं पड़ सकी। स्थिति यह है कि बना हुआ निर्माण भी खंडर हो गया है।
घोटाले के आरोपी शिक्षक को निलंबित किया जा चुका है। साथ ही उससे रिकवरी भी कराई जा रही है। चूंकि अब निर्माण कराना महंगा हो गया है, इसलिए रिकवरी से आई धनराशि की रिपोर्ट तैयार कर शेष बजट की मांग उच्च अधिकारियों से की जाएगी। उसी के बाद ही निर्माण पूरा हो सकेगा।
-प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए, लखनऊ
खबर साभार : डीएनए
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