उत्तर प्रदेश में अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) नवम्बर से पहले होने की संभावना नहीं : NIC के बेसिक शिक्षा विभाग के कई काम होने से प्रक्रिया लटकी
उत्तर प्रदेश में अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) नवम्बर से पहले होने की संभावना नहीं है। नेशनल इनफार्मेटिक सेंटर (एनआईसी) के पास बेसिक शिक्षा विभाग से संबंधित कई काम होने से टीईटी की प्रक्रिया लटक गई है। अभी एनआईसी के माध्यम से बीटीसी-2014 के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं।
अगले हफ्ते होने वाली बैठक में एनआईसी टीईटी के लिए समय तय कर सकता है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की योजना अक्टूबर तक टीईटी के लिए आवेदन लेकर नवम्बर में परीक्षा कराने की है। एनआईसी यदि सितम्बर में भी समय देता है तो आवेदन लेने से परीक्षा करवाने तक की प्रक्रिया में कम से कम दो महीने का समय लगेगा। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के मुताबिक, राज्यों को हर वर्ष कम से कम एक बार टीईटी कराना है। यदि राज्य चाहें तो दो बार भी टीईटी करवा सकता है।
एनआईसी काम के दबाव के कारण 29,334 जूनियर शिक्षक भर्ती और 15 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के लिए भी वेबसाइट नहीं खोल पा रहा है। इन दोनों ही शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के 82 नंबर से पास समेत कई अन्य श्रेणियों में भी आवेदन लेने हैं। 29,334 में हाईकोर्ट सरकार को नियुक्ति पत्र बांटने का आदेश दे चुकी है लेकिन विभाग पहले आवेदन लेगा, इसके बाद काउंसिलिंग होगी और फिर नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा।
आरटीई एक्ट के मुताबिक टीईटी है अनिवार्य
आरटीई एक्ट में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों का अध्यापक पात्रता पास होना जरूरी है। यूपी में 2011 में टीईटी की शुरुआत हुई लेकिन 2012 में टीईटी नहीं करवाया जा सका। राज्य सरकार 2013 से साल में एक बार यह परीक्षा नियमित रूप से करा रही है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
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