अब दूध की जांच टालने में जुटा प्रशासन : दूध पीकर बीमार होने वाले बच्चों का मामला ; घटना होते धीरे-धीरे एक महीना, अब तक प्रशासन तय नहीं कर पाया आरोपित
√दूध पीकर बीमार होने वाले बच्चों का मामला
√घटना होते धीरे-धीरे एक महीना
√अब तक प्रशासन तय नहीं कर पाया आरोपित
लखनऊ : 29 जुलाई को कैंट में दूध पीकर 77 से अधिक बच्चे बीमार हो गए। शनिवार को घटना हुए पूरा एक महीना हो गया, लेकिन अब तक प्रशासन कार्रवाई तो दूर की बात आरोपित तक तय नहीं कर पाया है। विगत 19 अगस्त को डीएम की ओर से पराग और अक्षय पात्र को दोबारा नोटिस जारी किया। साथ ही एक अतिरिक्त जांच शुरू की, जिसमें अक्षय पात्र के खाना वितरण प्रक्रिया की जांच होनी थी। इसे एक सप्ताह में पूरा करना था, लेकिन दस दिन गुजरने के बाद न तो जांच हुई न ही कोई रिपोर्ट आई। अब प्रशासन पूरी तरह इस मामले को टालने में जुट गया है।
अब तक नहीं जुटा पाए कारण
एक महीने की जांच के बाद भी जिला प्रशासन के अधिकारी कारण तक नहीं जुटा पाए। न ही उन्हें ये पता चल पाया है कि घटना कैसे हुई। मामले की जांच कर रहे सिटी मैजिस्ट्रेट शत्रुहन वैश्य का कहना है कि दूध लैब में सही पाया गया। अब ये पता लगाना है कि बच्चे बीमार कैसे हुए। मजे की बात ये है कि एक माह पहले जब उन्हें जांच सौंपी गई थी, तब भी उन्हें यही कारण पता लगाना था कि सिर्फ दो स्कूलों के बच्चे बीमार कैसे हुए/ क्योंकि दूध सब जगह बंटा था। एक माह की जांच के बाद भी उनका वही जवाब है, अब पता लगाना है बच्चे बीमार कैसे हुए/
नोटिस की बात से किया इनकार
दस दिन पहले डीएम की ओर से अक्षय पात्र और पराग को नोटिस जारी किया गया था। इसमें उन्हें एक सप्ताह में जवाब देना था, लेकिन अब वे नोटिस से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोई नोटिस नहीं जारी किया गया।
जांच किन्हीं कारणों से लंबित है, जल्द ही उसे पूरा किया जाएगा। जांच में बच्चों के बीमार होने के कारण का पता किया जा रहा है।
- शत्रोहन वैश्य,
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खबर साभार : नवभारतटाइम्स
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