logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

मिड-डे-मील में दूध देना सरकारी स्कूलों में होगा अनिवार्य : मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की निदेशक ने फिर जारी किया आदेश

मिड-डे-मील में दूध देना सरकारी स्कूलों में होगा अनिवार्य : मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की निदेशक ने फिर जारी किया आदेश

लखनऊ। सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे-मील में अब अनिवार्य रूप से प्रत्येक बुधवार को 200 ग्राम उबला हुआ दूध देना अनिवार्य होगा। यह दूध मिड-डे-मील के वितरण से कम से कम एक से दो घंटे की अवधि में दिया जाएगा। इस संबंध में मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्रा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नवीन व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के आदेश दिए हैं।परिषदीय विद्यालयों, राजकीय व सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मिड-डे-मील दिए जाने का प्रावधान है। बीते 15 जुलाई को मेन्यू में परिवर्तन करते हुए प्रत्येक बुधवार को 200 ग्राम उबला हुआ दूध व कोफ्ता-चावल कर दिया गया। लेकिन दूध के लिए बजट की व्यवस्था कहां से होगी, इस पर कोई निर्देश नहीं दिए गए। परिवर्तित मेन्यू के अनुसार शुरुआत तीन-चार हफ्तों में कार्यदायी संस्थाओं ने मिड-डे-मील में बच्चों को दूध वितरित कर दिया। बजट न मिलने की वजह से दूध वितरण से सभी कार्यदायी संस्थाओं ने हाथ खड़े कर दिए। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस दौरान प्राधिकरण की ओर से दूध की जगह फल या कोई अन्य चीज उपलब्ध कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ।

~पुन: हुए आदेश को देखने के लिए यहां क्लिक करें |

लिहाजा प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्रा ने बुधवार को अनिवार्य रूप से बच्चों को दूध वितरण के आदेश दिए हैं।गले की फांस बन गई दूध वितरण योजनामिड-डे-मील में बच्चों को दूध देने की योजना कार्यदायी संस्थाओं के साथ-साथ अफसरों के गले की फांस बन गई है। बजट की व्यवस्था न होने की वजह से अक्षय पात्र फाउंडेशन ने पहले ही दूध न देने से हाथ खड़े कर दिए। साथ ही पिछले सप्ताह से एनजीओ ने भी इसके वितरण से साफ इंकार कर दिया। एनजीओ संचालकों का कहना है कि प्रत्येक बच्चे को 200 मिली दूध देने की लागत करीब 10 रुपए आ रही है। जब तक बजट नहीं आएगा हम कहां से इसकी व्यवस्था कराएं।

मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से दूध वितरण अनिवार्य रूप से कराए जाने संबंधी पत्र मिला है। इसके लिए कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश भेजे जा रहे हैं। हालांकि पत्र में दूध के बजट की बात नहीं की गई है, जिससे दिक्कत आ रही है।
-प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए लखनऊ

        खबर साभार : डीएनए

Post a Comment

0 Comments