स्कूलों में परोसे जा रहे खुले खाद्य पदार्थ : खाद्य विभाग ने एमडीएम का भरा नमूना, अटरिया के चार प्राथमिक विद्यालयों से लिए गए दूध व चावल कोफ्ता के नमूने
सीतापुर। शासन चाहे लाख सर पटक ले सुधारने के लिए पर जिन्होंने न सुधरने की कसम खा रखी है वह नहीं सुधरेंगे। एमडीएम योजना में नियम है कि बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन में प्रयोग की जानें वाली कोई भी खाद्य वस्तु खुली नहीं दी जाएगी बल्कि कंपनी की सील पैक होगी पर ऐसा नहीं हो रहा है। नियमों की धज्जियां उड़ा ग्राम प्रधान मनमानी पर उतारू हैं। आज ऐसा मामला उस समय उजागर हुआ जब खाद्य विभाग ने अटरिया स्थित प्राथमिक विद्यालयों में एमडीएम का निरीक्षण किया। यहां पर स्थित प्राथमिक विद्यालयों में खुला सरसों का तेल तथा खुले मसाले प्रयोग होते पाए गए। जिस पर खाद्य अभिहित अधिकारी ने गहरी नाराजगी जाहिर की और चेतावनी दी। खाद्य विभाग ने यहां से दूध तथा कोफ्ता चावल के नमूने भी भरे। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अभिहित अधिकारी विनय सहाय के नेतृत्व में विभागीय टीम ने अटरिया स्थित तीन प्राथमिक विद्यालय तथा एक निजी विद्यालय जनता स्कूल में एमडीएम के खाने का निरीक्षण किया। प्राथमिक विद्यालयों में खुला सरसों का तेल तथा मसाला प्रयोग किए जा रहे थे जिस पर श्री सहाय ने प्रधान को फटकार लगाई तथा प्रधानाध्यापक को चेतावनी दी। श्री सहाय ने बताया कि यहां पर विद्यालयों में रसोई घरों में गंदगी भी पाई गई। सभी विद्यालयों से दूध व कोफ्ता चावल के नमूने भरे गए। उन्होंने आदेशित किया कि सभी स्कूल एमडीएम के तहत दिए जाने वाले दूध में से सैंपल के लिए 250 ग्राम दूध बचा लिया करेंगे जिसका नमूना लिया जाएगा।
खबर साभार : डीएनए
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