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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

परिषदीय स्कूलों की शिक्षा में होगा सुधार : गुणवत्ता में सुधार न होने पर शिक्षक से लेकर बीएसए तक की जिम्मेदारी;मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

परिषदीय स्कूलों की शिक्षा में होगा सुधार :  गुणवत्ता में सुधार न होने पर शिक्षक से लेकर बीएसए तक की जिम्मेदारी;मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

√यूपी बोर्ड के कोर्स में होगा बदलाव

√कक्षा 11 व 12 का होगा अलग-अलग, परिषदीय स्कूलों की शिक्षा में होगा सुधार

लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी बोर्ड के ग्यारहवीं व बारहवीं के कोर्स में संशोधन किया जाएगा। यह प्रक्रिया इसी माह तक पूरी कर ली जाएगी जिससे नए सत्र से नए कोर्स के आधार पर पढ़ाई शुरू कराई जा सके। परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था में सुधार करने के साथ मॉडल स्कूलों में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार न होने पर संबंधित शिक्षक से लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी तक की जिम्मेदारी तय करते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बेसिक शिक्षा निदेशक स्वयं मुख्यालय व फील्ड में तैनात शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को स्कूलों का औचक निरीक्षण करने का निर्देश कर जांच रिपोर्ट प्राप्त करें। माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि कक्षा 11 व 12 के कोर्स को अन्य सीबीएसई व आईसीएसी के बराबर करने के लिए संशोधित किया जाए। नवोदय विद्यालय पैटर्न पर कम से कम छह मॉडल स्कूलों को चलाने की कार्य योजना तैयार करते हुए प्रस्तुत की जाए। शैक्षिक गुणवत्ता के लिए स्कूलों के श्रेणीकरण की कार्यवाही सितंबर तक पूरी करा ली जाए। प्रदेश के चयनित 25 राजकीय इंटर कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स के रूप में विकसित किया जाए। राजकीय बालिका विद्यालयों में शौचालय व फर्नीचर की व्यवस्था कराई जाए। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों से कक्षा आठ पास करने वाली छात्राओं को माध्यमिक शिक्षा के लिए उपलब्ध कराए जाएं। बालिका छात्रावास योजनांतर्गत छात्रावासों का निर्माण शीघ्र शुरू करा दिया जाए। राजकीय इंटर कालेजों में अंग्रेजी की पढ़ाई के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएं। सड़क किनारे स्थित स्कूलों की बाउंड्रीवाल को सड़क की ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए बनवाया जाए। जिससे सड़क पर खड़ा कोई व्यक्ति छात्र-छात्राओं को देख न सके।

बोर्ड परीक्षा छोड़ने वालों के नाम होंगे सार्वजनिक

लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी बोर्ड की परीक्षा में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स के नाम और रोल नंबर अब सार्वजनिक किए जाएंगे। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग मोबाइल एप तैयार करा रहा है। इसे वर्ष 2016 की बोर्ड परीक्षा से पहले लॉन्च कर दिया जाएगा।

बता दें यूपी बोर्ड परीक्षा में अभी केवल परीक्षा छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या ही सार्वजनिक की जा रही है। हरदोई के मामले में लोकायुक्त के यहां चल रही जांच के दौरान एक शिकायतकर्ता ने कहा था कि यूपी बोर्ड में अभी परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ही सार्वजनिक की जाती हैं। इससे इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि परीक्षा में बैठे बिना ही कोई भी पास हो सकता है। इसके बाद ही शासन स्तर पर बोर्ड परीक्षा को और पारदर्शी बनाने के लिए मोबाइल एप बनवाने की तैयारी शुरू कर दी गई।

प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार बताते हैं कि किसी जिले में अगर कोई परीक्षार्थी परीक्षा छोड़ता है तो इस एप के जरिये बोर्ड परीक्षा कार्यालय को संबंधित परीक्षार्थी की पूरी जानकारी आसानी से दी जा सकेगी।

इसके लिए परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक को इस एप पर संबंधित परीक्षार्थी का रोल नंबर फीड करना होगा। इसके बाद एप पर परीक्षार्थी का पूरा ब्यौरा आ जाएगा। इसके बाद केंद्र व्यवस्थापक प्रश्नपत्र और पाली पर टिक करते हुए क्लिक कर देगा। इसके साथ ही डीआईओएस व यूपी बोर्ड कार्यालय को संबंधित परीक्षार्थी का पूरा ब्यौरा मिल जाएगा।

         खबर साभार : अमरउजाला

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