अल्पसंख्यक व संबद्ध प्राइमरी की भर्ती में जेडी का अधिकार खत्म : मंडलीय समिति को अब नहीं भेजी जाएगी वेतन अनुमति की फाइल
लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने अनुदानित अल्पसंख्यक संस्थाओं और सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के संबद्ध प्राइमरी में शिक्षकों व प्राध्यापकों की भर्ती में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) का अधिकार समाप्त कर दिया है।
प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने गुरुवार शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि शिक्षकों व प्राध्यापकों की नियुक्ति के बाद मंडलीय समिति से वेतन देने की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। शासनादेश के बाद यह साफ हो गया है कि डीआईओएस अब अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों व संबद्ध प्राइमरी में भर्ती की अनुमति देने के बाद सीधे वेतन निकाल सकेंगे।
अल्पसंख्यक इंटर कॉलेजों व सहायता प्राप्त स्कूलों के संबद्ध प्राइमरी में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार प्रबंधन के पास है। डीआईओएस से अनुमति के बाद स्कूल प्रबंधन नियुक्ति करता है। इसके लिए डीआईओएस से अनुमति के बाद चयन समिति बनाई जाती है। नियुक्तियों के बाद डीआईओएस को वेतन जारी करने का अधिकार है। इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम में भी यही व्यवस्था दी गई कि डीआईओएस ही इसके लिए अधिकृत होगा। इसके बाद 19 दिसंबर 2000 को शासनादेश जारी करते हुए मंडलीय समिति से वेतन अनुमति की अनिवार्यता कर दी गई, लेकिन अल्पसंख्यक संस्थाओं के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। इसको लेकर अधिकतर जिलों में डीआईओएस व जेडी में विवाद खड़ा हो गया।
खबर साभार : अमरउजाला
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