फर्जी शिक्षकों की गलत सूचना पर नपेंगे साहब : एसआइटी की ओर से अब विभागीय अधिकारियों पर तथ्य छिपाने पर कसा शिकंजा
भोगांव, मैनपुरी: आगरा विश्वविद्यालय से फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बन चुके नटवरलालों की जांच में जुटी एसआइटी की ओर से अब विभागीय अधिकारियों पर तथ्य छिपाने पर शिकंजा कसा जाएगा। विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में अब तक एसआइटी को भेजी गई सूचनाओं का सत्यापन कर गलती सुधारने का मौका विभागीय अधिकारियों को दिया गया है। इसके बाद गड़बड़ी पकड़ में आने पर अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई का मन एसआइटी ने बनाया है।
वर्ष 2007 और 2008 में जनपद में विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के तहत नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थी जिन्होंने आगरा विवि से स्नातक और बीएड की डिग्री हासिल की है। इन अभ्यर्थियों पर हेरफेर और फर्जीवाड़ा का आरोप लगाकर एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की मांग पर कोर्ट ने जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) को जिम्मा दिया था। जांच में जुटी एसआइटी द्वारा दो बार पूरा विवरण जिलों से तलब किया जा चुका है। इस विवरण में जिलों से मिल रही गलत सूचना पर सख्त रुख अपनाते हुए एसआइटी लखनऊ के पुलिस अधीक्षक ने सभी डायटों को पत्राचार किया है। एसआइटी द्वारा एक बार फिर दोनों वर्षो में नियुक्ति पाने वाले आगरा विवि से संबंधित अभ्यर्थियों का पूरा विवरण खंगाल कर डायट से सत्यापन रिपोर्ट तलब की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि इस बार सूचना गलत पाई गई तो संबंधित डायट प्राचार्य और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। जिले से सूचनाओं को एक बार फिर मांगा गया है।
इस बावत एससीईआरटी के निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर ¨सह ने डायट प्राचार्य को पत्र भेजकर सूचनाओं की क्रॉस चे¨कग करने का निर्देश दिया है। एएसआइटी के एसपी और एससीईआरटी के निदेशक का पत्र मिलने के बाद जिले में सभी संबंधित अभ्यर्थियों की संख्या और अन्य ब्योरा दोबारा खंगाला जा रहा है। डायट प्राचार्य शैलेंद्र ¨सह वर्मा ने बताया कि जिले से एसआइटी को सही सूचना भेजी गई है, लेकिन फिर भी पत्र के अनुपालन में दोबारा सत्यापन की कार्रवाई जल्द पूर्ण करा ली जाएगी।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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