सरकारी किताबों से थैली बनाने की होगी जांच : जागरण के खुलासे के बाद सीडीओ ने बीएसए से आख्या मांगी
मथुरा: स्कूलों में पहुंचने की जगह थैलियां बन कर बाजार में उतरीं किताबों की हकीकत सामने आएगी। जागरण के खुलासे के बाद सीडीओ ने बीएसए से आख्या मांगी है। वहीं बीएसए ने ¨प्र¨टग प्रेसों से इस संबंध में सवाल किए हैं। विभाग एक कमेटी बना कर पूरे मामले की जांच कराने की बात भी कह रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग की शैक्षिक सत्र 2015-16 की किताबों के पन्नों से बाजार में कागज की थैलियां बना कर बेची जा रही हैं। इसके अलावा बीते शैक्षिक सत्र 2014-15 की पुस्तकें भी कागज की थैलियां बन कर बिक रही हैं। दैनिक जागरण के शनिवार के अंक में जब खबर प्रकाशित हुई तो प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग की आंखें खुलीं। मामले को संज्ञान में लेते हुए सीडीओ मनीष कुमार वर्मा ने बीएसए से आख्या मांगी है। मगर बेसिक शिक्षा विभाग का रवैया अभी भी ढीला नजर आ रहा है। बीएसए वीरपाल ¨सह यादव ने ¨प्र¨टग प्रेस संचालकों से सिर्फ किताबें कहां से मिली पूछ कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। उनका कहना है कि ¨प्र¨टग प्रेस संचालकों के जवाब का इंतजार है। साथ ही एक विभागीय जांच समिति भी गठित की जाएगी। जो दोषियों की जांच करेगी।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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