चेलों की खातिर गुरु की परीक्षा : जिला प्रशासन दिनों दिन गिरती शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंतित ; शिक्षा में सुधार लाने को शिक्षकों की ली जाएगी परीक्षा
कन्नौज : सतयुग में भगवान श्रीराम को द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण व कौरव-पांडवों को गुरु से शिक्षा प्राप्त करने को कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ता था, तब जाकर उन्हें गुरुकुल में जगह मिल पाई थी। वहीं कलियुग में चेलों को खातिर गुरु को परीक्षा देनी होगी। इसकी मुख्य वजह दिनोंदिन गिरते शिक्षा के स्तर को देखकर जिला प्रशासन चिंतित है। शिक्षा की गुणवत्ता ठीक करने के उद्देश्य से कक्षा एक से आठ तक छात्रों को विषयवार पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षिक स्तर जांचने को उनकी परीक्षा ली जाएगी। इसमें फेल होने वाले शिक्षकों को अध्ययन करने व सुधार लाने की कवायद की जाएगी।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा जनपद में शिक्षा के गिरते स्तर को देखकर काफी चिंतित हैं। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जनपद में कई प्रयास किए। सबसे पहले उन्होंने विद्यालयों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित करने को वाट्सएप योजना शुरू की। सभी शिक्षकों के पास हाई तकनीक के मोबाइल न होने से यह योजना सफल नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने एसएमएस की सुविधा लागू की और यह योजना काफी हद तक सफल रही। अब विद्यालय में पहुंचते ही शिक्षकों को एसएमएस के जरिए अपने खंड शिक्षा अधिकारी को सूचना देनी होती है। इसके अलावा कलेक्ट्रेट में खुले कंट्रोल रूम के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थित व अन्य योजनाओं की मानीटरिंग की जाती है। जिलाधिकारी ने विभागीय अफसरों को प्रतिदिन विद्यालयों का निरीक्षण का शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाए जाने के निर्देश दिए। इन निरीक्षणों में यह पाया गया कि शिक्षकों को स्वयं विषयों की जानकारी नहीं है। इसकी वजह से वह बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। पिछले हफ्ते जनपद भ्रमण पर आए एडी बेसिक सतीश तिवारी ने शिक्षकों के शैक्षणिक कार्य में कमियां पाई थी। इस पर उन्होंने शिक्षकों को अध्ययन कर छात्र-छात्रओं को पढ़ाने के आदेश दिए थे।
जिले में कुल 4,947 शिक्षक तैनात
वर्तमान में जिले में कुल 4,947 शिक्षकों की तैनाती है। इसमें प्राथमिक विद्यालय में 2154, उच्च प्राथमिक विद्यालय में 1,197 व 1596 शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित किया जा चुका हैं। जिला प्रशासन की रणनीति के मुताबिक सबकुछ ठीकठाक रहा तो इतने शिक्षकों को परीक्षा में बैठना पड़ेगा। यह परीक्षा कब और कहां आयोजित होगी। यह अभी तय नहीं हुआ है।
क्या बोले अफसर
शिक्षा की गुणवत्ता में दिनोंदिन गिरावट के चलते जिलाधिकारी ने परीक्षा कराए जाने की रणनीति बनाई है। इसमें शिक्षकों के सम्मान व प्रतिष्ठा पर ठेस न पहुंचे, इसलिए रणनीति बनाकर काम किया जाएगा। प्रश्नपत्र 100 अंकों का होगा। इसमें शिक्षक को हरहाल में 35 फीसद अंक हरहाल में लाना होगा। इससे कम अंक लाने पर शिक्षकों को हिदायत देकर सुधार लाने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नपत्र कक्षा में संचालित किताबों के आधार पर होंगे।
- रामकरन यादव बेसिक शिक्षा अधिकारी।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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