रसोइयों के खातों में जाएगी धनराशि : समय से मानदेय का भुगतान न होने पर शासन ने जारी किए निर्देश
अलीगढ़: परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे मील पकाने वाली रसोइयों को अब मानदेय के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शासन ने रसोइयों का देय भुगतान सीधे उनके निजी खातों में माह की एक तारीख तक भेजने के कड़े निर्देश दिए हैं।
मिड-डे मील संचालन के लिए प्रत्येक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन निधि के नाम से पृथक खाते खोले गए हैं, जिसमें परिवर्तन लागत, रसोइयों का मानदेय (एक हजार रुपये) रसोई उपकरण, शेड निर्माण व एमएमई की धनराशि रखी जाती है।
देरी से खफा सरकार : बेसिक शिक्षा अनुभाग के सचिव एचएल गुप्ता की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया कि निर्देशों के बावजूद संज्ञान में आया है कि रसोइयों का मानदेय समय पर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। रसाइया संघों द्वारा धरना-प्रदर्शन कर खातों में धनराशि भेजने की मांग उठाई है, लिहाजा संबंधित बैंकों को निर्देशित किया जाए कि वर्ष में 10 माह तक प्रत्येक माह की एक तारीख को अंतरिम कर दी जाए।
अभिलेखीकरण के लिए अलग से विद्यालय में एक रजिस्टर भी तैयार किया जाए, जिसमें समस्त रसोइयों को मानदेय दिए जाने का संपूर्ण विवरण बैंक पासबुक के आधार पर अंकित किया जाए। रसोइयों के कार्य छोड़ने या हटाने की जानकारी हर माह खंड शिक्षा अधिकारी, बीएसए को देंगे।
काम छोड़ रही रसोइया : एक तरफ तो कम मानदेय और दूसरी तरफ छह-छह माह तक भुगतान न होने के कारण हर माह दर्जनों रसोइया काम छोड़ रही हैं। नई रसोइया रखने के लिए शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही हैं। गांव मंजूरगढ़ी स्थित प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय में नौ रसोइयों के सापेक्ष दो ही रसोइयां है। पिछले माह नई रसोइया रखी गई, मगर तीन दिन काम करके वापस नहीं लौटी।
रसोइयों के खातों का विवरण जुटाया जा रहा है, शासन की मंशा के अनुसार एक तारीख तक भुगतान कर दिया जाएगा। लंबित मानदेय का भुगतान जल्द होगा।
- एसपी यादव, बीएसए।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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