logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

मन की बात : उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'दुग्ध वितरण' रूपी इस "तुगलकी फरमान" के विरूद्ध उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश और जिला स्तरीय शिक्षक संघों के नेतृत्वकर्ताओं की चुप्पी……………

उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'दुग्ध वितरण' रूपी इस "तुगलकी फरमान" के विरूद्ध उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश और जिला स्तरीय शिक्षक संघों के नेतृत्वकर्ताओं की चुप्पी……………

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया श्री अखिलेश सिंह यादव जी की विशेष इच्छा पर दूग्ध वितरण कराने की 'महत्वाकांक्षी योजना' को मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश द्वारा बिना किसी कार्य योजना तथा वित्तिय प्रबन्धन के सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्रत्येक बुद्धवार 200 मिली0 प्रति बच्चा उबला हुआ दूध पिलाने के साथ ही कोफ्ता चावल का "तुगलकी फरमान" जारी हुआ, पिछले 15 जुलाई से लेकर आज तक शासन-प्रशासन का जांच बिन्दु दूग्ध-वितरण ही बना हुआ है, वैसे नये फरमान जब भी आते हैं जिसमें सरकारों की महत्वाकांक्षा जुड़ी होती है तो उसके आगे सारी कार्ययोजना नगण्य हो जाती है |

          बिडम्बना ये है कि बिना किसी होमवर्क, मजबूत कार्य योजना और वित्तिय प्रबन्ध के दूग्ध पिलाने के लिए शिक्षकों को न सिर्फ बाध्य किया जा रहा है बल्कि "करे कोई भरे कोई" की कथनी को पूर्णतया लागू करते हुए शिक्षकों को दण्डात्मक कार्यवाही की जद में भी लेने की प्रक्रिया चल निकली है | शिक्षक असहाय बना सा देख रहा और अपनी नौकरी बचाने के लिए शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण का शिकार हुआ सा दिखायी देता है, क्योंकि शिक्षकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यावाही भी की जा रही है जिससे शिक्षक के सामने किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति बन गयी है |

        शिक्षक के विरूद्ध इस प्रताड़ना में शिक्षक संघों की भूमिका : दुग्ध वितरण रूपी इस "तुगलकी फरमान" के विरूद्ध उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश ईकाई और जिला स्तरीय शिक्षक संघों के नेतृत्वकर्ताओं की चुप्पी काबिले तारीफ है, वैसे इस "तुगलकी फरमान को बढ़ावा देने में शिक्षकों ने भी अपनी भूमिका शोसल मीडिया पर खूब दिखायी है"…………तो चर्चाओं के दौर को आगे बढ़ाते हैं एक तरफ इस तुगलकी फरमान से शिक्षकों में प्रदेश के समस्त जिलों में हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ शिक्षक हित के लिए हर-पल हर-क्षण आर-पार की लड़ाई लड़ने वाले 'शिक्षक संघ' के प्रदेशीय और जिला स्तरीय नेतृत्वकर्ता इस तुगलकी फरमान के विरूद्ध संघर्ष/धरना प्रदर्शन का ऐलान करने की जगह मौनव्रत धारण कर बैठे हुए हैं जबकि ये शिक्षक और संगठन के लिए चिन्तनीय विषय है , वैसे होना तो यह चाहिए था कि इस तुगलकी फरमान के विरूद्ध जो जज्बा ग्रीष्माअवकाश में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्वकर्ता ने दिखाया था जिसकी परिणति सबके सामने आ गयी थी, उसी जज्बे के साथ संगठन को शासन प्रशासन के विरूद्ध 'रण' का ऐलान कर अंतिम सांसें गिन रहे जिला स्तरीय संगठन में जान डाल देता जबकि वहीं दूसरी तरफ माननीय उच्च न्यायालय ने दूग्ध वितरण के गम्भीर प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए सरकार को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कड़ा रूख अपनाया है |

       शिक्षकों में संघ के प्रति आस्था और विश्वास में कमी : वैसे कोई भी संघ किसी व्यक्ति विशेष से नहीं चलता है कोई यदि इस गलफहमी में जिता है कि संगठन मेरे से चलती है तो ऐसी धारणा गलत है क्योंकि "कोई संगठन चलाने से नहीं चलती बल्कि वह संगठन स्वयं चलता है", इस कारण मुझे लगता है कि शिक्षक संघों के नेतृत्वकर्ताओं की यह निष्क्रिय भूमिका का यह परिणाम हो रहा है कि शिक्षकों में संघ के प्रति दबी जुबान ही सही आस्था, विश्वास और समर्पण में कमी आ रही है क्योंकि शिक्षक अब धीरे-धीरे ही सही समझने लगा है कि एक मात्र मजबूत उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संगठन कहीं न कहीं अपने व्यक्तिगत लड़ाईयों में कई धड़े में बंट जाने के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों से डट कर संघर्ष करने के स्थान पर परिस्थितियों से सामंजस्य स्थापित करना और समझौता करना सीख रहा है इसका ज्वलन्त उदाहरण प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना और तुगलकी फरमान 'दूग्ध वितरण' का कड़ाई से पालन करवाने का आदेश है जिसमें शिक्षक मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पीसता हुआ नजर आ रहा है |

       अब वो समय आ गया है कि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ/जिला स्तरीय प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्वकर्ता 'दूग्ध वितरण' के तुगलकी फरमान के विरूद्ध आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर प्रदेश भर के शिक्षकों का हो रहे शोषण से मुक्ति दिलायें और 'संघे शक्ति' के सिद्धान्त को सिद्ध करवायें |

         || जय शिक्षक जय भारत ||

             लेख दुर्गेश चन्द शर्मा
             जनपद-महराजगंज

Post a Comment

0 Comments