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बीएड के बाद अब बीपीएड भी होगा दो साल का : एनसीटीई के निर्देश के कारण बीपीएड अब दो साल का करने पर सहमति बन गई

बीएड के बाद अब बीपीएड भी होगा दो साल का : एनसीटीई के निर्देश के कारण बीपीएड अब दो साल का करने पर सहमति बन गई




दो साल का होगा बीपीएड का पाठ्यक्रम

लखनऊ विश्वविद्यालय में बीपीएड पाठ्यक्रम दो साल का ही चलेगा। गुरुवार को लविवि ने सभी कॉलेजों के साथ बैठक कर यह निर्देश जारी किया। विवि ने कॉलेजों को बीपीएड में दाखिले दो साल के हिसाब से ही करने के निर्देश दिए हैं। 

विवि ने अपने यहां शुरू किए गए दाखिले में भी एक साल का बीपीएड चलाने की बात कही थी लेकिन एनसीटीई के निर्देश के कारण बीपीएड अब दो साल का करने पर सहमति बन गई है।

एलयू में मानक पूरे न होने के कारण एनसीटीई ने वर्ष 2012 में लविवि में बीपीएड की मान्यता समाप्त कर दी थी। इसके बाद एलयू ने इस साल से फिर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है। तब से विवि के इस फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं। 

आरोप लगाए जा रहे हैं कि विवि को वर्ष 2016-17 से मान्यता मिली है। इस संबंध मे राजभवन को भी शिकायत भेजी गई है। हालांकि शारीरिक शिक्षा विभाग के हेड प्रो.मनोज दीक्षित इसे सिरे से खारिज करते हैं। 

उनके अनुसार यह साजिश कोर्स बंद कराने वालों की ही है। वे नहीं चाहते कि बीपीएड पाठ्यक्रम चले। गुरुवार को विवि में बीपीएड के द्विवर्षीय पाठ्यक्रम का सिलेबस तैयार करने के लिए बैठक हुई थी। दूसरी बैठक 12 अगस्त को होगी। 

बैठक में यह साफ हो गया है कि बीपीएड पाठ्यक्रम दो साल का ही होगा। दो वर्ष के हिसाब से सिलेबस तैयार करने का काम चल रहा है। इस साल लविवि और सभी कॉलेजों में पाठ्यक्रम दो साल का ही होगा।

एमफिल में दोबारा आवेदन मांगेगा एलयू

40 फीसदी से कम दाखिले होने पर भी चलेंगे कोर्स एलयू के पीजी पाठ्यक्रमों में 40 फीसदी से कम सीटें भरने के बाद भी कोर्स बंद नहीं होगा। विभागाध्यक्ष की मर्जी पर वह कोर्स चलाया जाएगा।

शर्त यह होगी कि लविवि पर इसके लिए कोई अतिरिक्त भार न पड़े। इस साल लविवि के दो दर्जन से ज्यादा पाठ्यक्रमों में सीट के मुकाबले कम आवेदन आए हैं। काउंसलिंग के दौरान भी कुछ सीटें खाली होने की आशंका है।

ऐसे में काफी कोर्स ऐसे है जिनमें 40 फीसदी दाखिले होना मुश्किल है। कोर्स बंद होने पर स्टूडेंट्स के पास कोई विकल्प नहीं होता है। इसलिए लविवि ने ये कोर्स चलाने का फैसला किया है। लविवि प्रवेश समन्वयक प्रो.राजकुमार सिंह के अनुसार विभागाध्यक्ष अपने संसाधनों से 40 फीसदी से कम सीट भरने पर भी कोर्स चला सकते हैं,पर इसके लिए विवि से उन्हें अतिरिक्त सहायता नहीं मिलेगी।

शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के हेड प्रो.मनोज दीक्षित ने बताया कि लविवि में बीएड पाठ्यक्रम दो साल का चलेगा। इसके लिए सिलेबस तैयार करने का काम चल रहा है। एनसीटीई ने बीपीएड की मान्यता समाप्ति से रोक हटा ली है। अब केवल इस संबंध में दुष्प्रचार किया जा रहा है।

       खबर साभार : अमरउजाला


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