पहल, अब नए अंदाज में आएगी ‘मीना’ : बालिका सशक्तिकरण के लिए फिर तैयार हो रहा मंच; इस बार पहली सिंतबर से शुरू होगा मीना की दुनिया का प्रसार
कौन है मीना
मीना एक हंसमुख, छोटी बच्ची है। वह अपने माता-पिता, दीदी, भाई राजू और बहन रानी के साथ रहती है। प्यारा मिठ्ठू तोता उसका सबसे अच्छा दोस्त है। मीना अपने आसपास रहने वाली किसी बच्ची की तरह ही है लेकिन कुछ मामले में वह अलग है। वह सबसे दोस्ती रखती है। किसी से भी सवाल पूछने में घबराती नहीं है। मीना ईमानदार और दूसरों का ध्यान रखती है। वह अपनी, अपने परिवार और दोस्तों की परेशानी को सुलझाने की कोशिश करती है।
वाराणसी : सर्व शिक्षा अभियान व यूनीसेफ उत्तर प्रदेश के सहयोग से बालिकाओं के सशक्तिकरण हेतु मीना मंच एक बार फिर तैयार हो रहा है। इसका प्रसारण एक सितंबर से शुरू किया जाएगा। वहीं इस बार मीना बच्चों के सामने नए अंदाज में आएंगी।
परिषदीय स्कूलों में बालिकाओं के सर्वागीण विकास के लिए रेडियो को भी एक सशक्त माध्यम बनाया गया है। इस क्रम में बालिकाओं को नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता विकसित करने के लिए मीना की दुनिया का प्रसारण किया जाता है। इसके जरिए बालिकाओं को खाना बनाना, खेलकूद आदि की शिक्षा दी जाएगी।
इस क्रम में बालिकाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए रेडियो पर मीना की दुनिया नामक कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है। इसके तहत सभी पूर्व माध्यमिक स्कूलों को रेडियो उपलब्ध कराए गए हैं। इतना ही नहीं इसका बकायदा 15 मिनट का एक पीरिएड चलता है। इस पीरिएड में स्कूल के अध्यापक बालिकाओं को रेडियो सुनवाते हैं। छात्रओं से प्रश्न भी पूछे जाते हैं। इस कार्यक्रम को आकाशवाणी के 12 चैनल प्रसारित करेंगे। प्रत्येक वर्ष मीना की दुनिया का प्रसारण मीना के जन्मदिन पर 24 सितंबर से होता था। इस वर्ष पहली सितंबर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। दरअसल परिषदीय विद्यालयों का नया सत्र अब पहली अप्रैल से 30 मार्च कर दिए जाने के कारण मीना की दुनिया का प्रसारण के तिथि में फेरबदल किया गया है।
दो दिवसीय प्रशिक्षण आज से
मीना की दुनिया को और प्रभावी बनाने के लिए शासन स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया है। लखनऊ में दो दिवसीय होने वाला प्रशिक्षण 30 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसके लिए जनपद से पांच शिक्षक लखनऊ भी रवाना हो चुके हैं।
मीना यानी लीडर की प्रतीक
मीना मंच यानी लीडर की प्रतीक है। मीना सामान्य घर की बालिका है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बालिकाओं को प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। उनके भीतर नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। इसके तहत बालिकाओं को नवाचार के पाठ पढ़ाए जाते हैं। मसलन बोलने का तरीका, खाना बनाना, खेलकूद सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों की शिक्षा रेडियो के माध्यम से दी जाती है |
खबर साभार : दैनिकजागरण
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