बेखौफ चल रहे बिना मान्यता के स्कूल : फर्जी विद्यालयों के खिलाफ चलेगा अभियान : बीएसए
गोरखपुर : जनपद में बेखौफ बिना मान्यता के कान्वेंट स्कूल चल रहे हैं। कहीं कोई निगरानी करने वाला नहीं। न विभाग चेत रहा और न अभिभावक सुध ले रहे। शिक्षा विभाग भी सिर्फ नोटिस भेज अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है। भगत चौराहा के पास सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल भी फर्जी ढंग से चल रहा था। तीन साल में न कोई संबंधित अधिकारी पूछने गया और न अभिभावकों ने जानकारी ली। प्रबंधक विद्यालय में ताला लगाकर फरार हुआ तो मामला प्रकाश में आया।
शहर हो या देहात, हर जगह अंग्रेजी/¨हदी माध्यम के स्कूलों की बाढ़ सी आ गई है। कुछ कई साल से संचालित हैं, तो कई नए खुल गए हैं। महानगर में ही बिना मान्यता के चिन्हित 25 विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है। खोराबार में ही 15 और कौड़ीराम में 100 विद्यालय फर्जी ढंग से चल रहे हैं। खजनी के शंभूनाथ द्विवेदी ने पिछले माह ही जिलाधिकारी को पत्रक के माध्यम से सिर्फ खजनी तहसील में बिना मान्यता के चल रहे 18 स्कूलों की सूची उपलब्ध कराई थी। महानगर, खोराबार और खजनी ही नहीं ही नहीं, चरगांवा, पिपराइच, भटहट, पतरा, तुर्राबाजार, बड़हलगंज, गगहा, जानीपुर-गगहा रोड, गोला, चौरीचौरा और सरदारनगर आदि क्षेत्रों में बिना मान्यता के सैकड़ों कान्वेंट स्कूल चल रहे हैं। यही नहीं इन विद्यालयों के बड़े-बड़े होर्डिग्स सड़कों पर लगे हैं, लेकिन कोई पूछताछ करने वाला नहीं है। अंग्रेजी बोर्ड की मान्यता का झांसा देकर वे अभिभावक और छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल में भी एक शिक्षक के कहने पर ही 18 छात्रों ने दाखिला लिया था। अब वह कानून के शिकंजे में है।
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दूसरे विद्यालयों से भरवाते
हैं बोर्ड का फार्म
फर्जी विद्यालय बच्चों को अपने यहां पढ़ाते हैं और मान्यता प्राप्त दूसरे विद्यालयों से बोर्ड का फार्म भरवाते हैं। सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल ने भी यही किया था। उसने कक्षा 10 और 12 का फार्म कौड़ीराम स्थित मान्यता प्राप्त विद्यालय से फार्म भरवाया था। अब अभिभावक इन विद्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं।
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स बीएसई के 54 और
आइसीएसई के 19 स्कूल
जनपद में सिर्फ 54 स्कूल सीबीएसई और 19 स्कूल आइसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त है। जबकि, सैकड़ों स्कूल इन बोर्डो के नाम से संचालित हैं। अभिभावक भी स्कूलों की पड़ताल नहीं कर रहे और आंख मूंदकर अंग्रेजी के नाम पर बच्चों का नामांकन करा रहे हैं।
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ठगे गए अभिभावक-
अभिभावक संजय दूबे के तीन बच्चे सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ते हैं। उन्होंने 50 हजार रुपये शुल्क भी जमा कर दिया है। अब बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा।
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अभिभावक पूनम गौड़ कहती हैं कि इस साल बच्चे की पढ़ाई हो जाती तो अगले साल मान्यता प्राप्त में नाम लिखवाती। कहती हैं कि दो बच्चों का भविष्य संकट में है। 31 जुलाई से वे घर बैठे हैं।
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सूरज शुक्ला कहते हैं कि भवन मालिक विद्यालय चलाने को तैयार हैं। अगर एक साल विद्यालय चल जाता तो बच्चों को किसी दूसरे विद्यालय में पढ़ाते। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित है, कुछ समझ में नहीं आ रहा।
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फर्जी विद्यालयों के खिलाफ चलेगा अभियान : बीएसए
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव बताते हैं कि सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल फर्जी ढंग से चल रहा था। उसे नोटिस दिया गया था। लेकिन, बीच में ही फरार हो गया। फर्जी विद्यालयों को चिन्हित कर नोटिस जारी किया जा रहा है। अब अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। अभिभावक भी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ही बच्चों का नामांकन कराएं।
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स्कूल के लिए जरूरी शर्ते
- प्री प्राइमरी व प्राइमरी के लिए 200 छात्र संख्या व 7 कक्षाएं।
- सिर्फ प्राइमरी के लिए 150 छात्र संख्या और 5 कक्षाएं।
- प्री, प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के लिए 275 छात्र संख्या।
- प्राइमरी तथा जूनियर हाईस्कूल के लिए 225 छात्र संख्या।
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स्कूल के लिए भौतिक संसाधन
- निजी भवन या 30 वर्ष तक का किराए या लीज पर भवन।
- छात्रों, प्रधानाध्यापक, कार्यालय तथा स्टाफ के लिए अलग कक्ष।
- विद्यालय परिसर में या तीन किमी के अंदर खेलकूद का मैदान।
- पुस्तकालय में 5 तक के लिए 250 तथा 8 तक के लिए 500 पुस्तकें।
- अग्निशमन यंत्र व प्रत्येक कक्षानुभाग के लिए प्रशिक्षित अध्यापक।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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