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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

जुलाई में परिषदीय विद्यालयों में सिर्फ 50 फीसदी बच्चे गए स्कूल : करोड़ों खर्च फिर भी स्कूल नहीं जा रहे बच्चे

जुलाई में परिषदीय विद्यालयों में सिर्फ 50 फीसदी बच्चे गए स्कूल : करोड़ों खर्च फिर भी स्कूल नहीं जा रहे बच्चे

√जिलाधिकारी ने बीएसए से मांगा 20 अगस्त तक प्रत्येक बच्चे के स्कूल न आने का कारण

√मानक के अनुसार निरीक्षण न करने पर रुकेगा वेतन

√गरीब बच्चों को तत्काल दाखिला दिलाएं

लखनऊ। भले ही सरकार परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के लिए तमाम योजनाओं में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, बाजवूद इसके स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति का आंकड़ा काफी खराब है। बीते जुलाई में इन परिषदीय विद्यालयों में 50 से 60 फीसदी बच्चे ही उपस्थित रहे। जिलाधिकारी की बैठक में बीएसए ने जब यह आंकड़ा प्रस्तुत किया तो उन्होंने इस पर नाराजगी जताई। जिलाधिकारी ने बीएसए को निर्देश दिए कि 20 अगस्त तक विकासखंडवार बच्चों के न आने का कारण सूची बनाकर उपलब्ध कराया जाए।बीते दिनों जिलाधिकारी राजशेखर की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी सहित सभी खंड शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे। डीएम ने बीएसए से पूछा कि जुलाई में परिषदीय विद्यालयों में छात्र उपस्थिति का औसत कितना था। इस पर बीएसए ने बताया कि 50 से 60 प्रतिशत बच्चे उपस्थित रहे। इस पर डीएम ने निर्देश दिए कि सभी क्षेत्रीय अधिकारी स्कूल न आने का वाले प्रत्येक बच्चे का पूरा ब्यौरा व कारण 10 अगस्त तक बीएसए को उपलब्ध कराएंगे। बीएसए परीक्षण केबाद 20 अगस्त तक रिपोर्ट देंगे जिसमें स्कूल न आने का कारण बताया जाएगा। उसके बाद छात्र उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति तैयार की जाएगी। डीएम ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक ब्लॉक के तीन-तीन शिक्षक व शिक्षा मित्रों की सूची उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। जिससे उन्हें मुख्यालय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

डीएम ने निर्देश दिए हैं कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी प्रत्येक माह निर्धारित मानक के अनुरूप विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। बीएसए इसकी रिपोर्ट संकलित कर उसमें कमियों का उल्लेख कर बैठक में रखेंगे। यदि जिन क्षेत्रीय अधिकारियों ने मानक के अनुरूप विद्यालयों का निरीक्षण नहीं किया तो उनका उस महीने का वेतन नहीं आहरित किया जाएगा।

आरटीई के अंतर्गत अब तक निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले के लिए 1648 आवेदन आए हैं। इनमें से 465 ही पात्र पाए गए। जिसमें 376 पात्र बच्चों का दाखिला भी कराया जा चुका है। अब शेष 89 बच्चों के दाखिले होने बाकी है। जिलाधिकारी ने इन शेष बच्चों के दाखिले तत्काल कराने के निर्देश दिए हैं।

  खबर साभार : डीएनए/दैनिकजागरण

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