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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सरकार की नाक के नीचे मिड-डे मील का रहा निठाला : कॉलेज के प्रिंसिपल एवं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ.आरपी मिश्र का कहना 17 अगस्त से अनिश्चितकालीन क्रमिक उपवास पर निर्णय; 36 हजार बच्चे करते रहे दूध का इंतजार

सरकार की नाक के नीचे मिड-डे मील का रहा निठाला : कॉलेज के प्रिंसिपल एवं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ.आरपी मिश्र का कहना 17 अगस्त से  अनिश्चितकालीन क्रमिक उपवास पर निर्णय; 36 हजार बच्चे करते रहे दूध का इंतजार

लखनऊ (डीएनएन)। पिछले चार सप्ताह से प्रत्येक बुधवार को जिन 36 हजार बच्चों को मिड-डे-मील में मीठा दूध मिल रहा था, इस बार एनजीओ ने उन्हें दूध देने से इनकार कर दिया। लिहाजा बुधवार को बीकेटी नगर पंचायत व सभी माध्यमिक विद्यालयों में भी बच्चों को दूध नहीं बांटा गया। मिड-डे-मील में सिर्फ कोफ्ता चावल ही दिया गया। वहीं दूसरी ओर अक्षय पात्र की ओर से दूध की जगह खीर देने के प्रस्ताव पर आदेश न मिलने की वजह से खीर भी नहीं बांटी जा सकी।परिषदीय विद्यालयों, राजकीय, माध्यमिक विद्यालयों एवं मदरसों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मिड-डे-मील दिए जाने की व्यवस्था है। चिनहट, सरोजिनी नगर, काकोरी व नगर क्षेत्र में अक्षय पात्र फाउंडेशन तथा बीकेटी नगर पंचायत के परिषदीय विद्यालयों तथा माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को एनजीओ मिड-डे-मील देता है।

इस बार राज्य सरकार ने मिड-डे-मील के मेन्यू में परिवर्तन कर बुधवार को 200 मिली दूध व कोफ्ता-चावल कर दिया गया। लेकिन दूध के लिए बजट की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसको लेकर अक्षय पात्र फाउंडेशन ने पहले ही 72 हजार बच्चों को दूध देने से मना कर रखा है। वहीं अफसरों के दबाव में 15 जुलाई से प्रत्येक बुधवार को एनजीओ किसी तरह बच्चों को दूध और कोफ्ता-चावल उपलब्ध करा रहे थे। लेकिन बुधवार को सभी एनजीओ ने बच्चों को दूध देने से साफ इनकार कर दिया। एनजीओ संचालकों का कहना है कि जब सरकार दूध के लिए बजट ही नहीं दे रही तो हम कहां से इसकी व्यवस्था कराएं। एनजीओ के इनकार से करीब 36 हजार बच्चों को इस बार दूध नहीं मिल सका।अब भूखे नहीं लौटेंगे क्वींस कॉलेज के बच्चेलालबाग स्थित क्वींस एएस इंटर कॉलेज में कक्षा छह से आठ तक पढ़ने वाले करीब 45 बच्चे अब भूखे नहीं लौटेंगे।

करीब 20 दिन बाद आखिरकार बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने नैमिष प्रगति संस्थान को इस विद्यालय में मिड-डे-मील देने की जिम्मेदारी सौंप दी है। वहीं कॉलेज के प्रिंसिपल एवं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ.आरपी मिश्र का कहना है कि अधिकारियों को पहले ही यह निर्णय लेना चाहिए था जिससे इतने दिन बच्चे भूखे न लौटते। फिलहाल 16 अगस्त को कार्यकारिणी की बैठक में बुलाई गई है जिसमें 17 अगस्त को बीएसए कार्यालय में होने वाले अनिश्चितकालीन क्रमिक उपवास पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

        खबर साभार : डीएनए

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