टास्क फोर्स जांचेगी मिड-डे-मील की गुणवत्ता : टास्क फोर्स में शामिल अधिकारी 16 अगस्त से 31 अगस्त के बीच आवंटित जनपद के विभिन्न विकास खंडों तथा नगर क्षेत्रों में कम से कम 10 विद्यालयों का करेंगे निरीक्षण
लखनऊ (डीएनएन)। परिषदीय स्कूलों के साथ-साथ राजकीय, एडेड तथा मदरसों में कक्षा एक से आठ तक दिए जाने वाले मिड-डे-मील की गुणवत्ता की जांच अब टास्क फोर्स करेगी। इसके लिए शासन ने राज्य स्तरीय टास्क फोर्स गठित कर स्थलीय निरीक्षण के आदेश जारी किए हैं। राजधानी में इसकी जिम्मेदारी संयुक्त शिक्षा निदेशक सुत्ता सिंह को दी गई है। जबकि एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा हरदोई में मिड-डे-मील की गुणवत्ता जांचेंगे।परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक, अनुदानित तथा मदरसों आदि में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मिड-डे-मील दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन पिछले कुछ समय से इसकी गुणवत्ता को लेकर काफी सवाल खड़े हो गए हैं। कहीं मिड-डे-मील में कीड़ा, सीसा निकल रहा तो कहीं दूध पीने से बच्चे बीमार पड़ रहे। यही नहीं, कई जगह तो मेन्यू केआधार पर मिड-डे-मील भी नहीं दिया जा रहा। इसका उदाहरण राजधानी के स्कूलों में दिख रहा है। इसको देखते हुए शासन ने राज्य स्तरीय टास्क फोर्स गठित की है। इसमें अगस्त महीने में जेडी, उप शिक्षा निदेशक, डायट प्राचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा सहायक उप शिक्षा निदेशक स्तर केअधिकारी शामिल हैं।
16 से 31 अगस्त के बीच होगी जांच : टास्क फोर्स में शामिल अधिकारी 16 अगस्त से 31 अगस्त के बीच आवंटित जनपद के विभिन्न विकास खंडों तथा नगर क्षेत्रों में कम से कम 10 विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। यह निरीक्षण सुबह 9 से दोपहर तीन बजे के बीच किया जाएगा। इस दौरान बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे-मील की गुणवत्ता, मेन्यू के अनुसार मिड-डे-मील दिया जा रहा है या नहीं, खाना बनाने की जगह, उसमें प्रयोग होने वाले मसाले आदि की जांच की जाएगी। इसके अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं में केंद्रीय किचेन की भी जांच की जाएगी। जिन स्कूलों में मिड-डे-मील नहीं बन रहा है और उनमें खंड शिक्षा अधिकारी भी जांच नहीं कर रहे, ऐसे मामलों की जांच अनिवार्य रूप से की जाए।
मिड-डे-मील का पैसा बढ़ा : केंद्र सरकार ने मिड-डे-मील में दी जाने वाली परिवर्तन लागत में पांच फीसदी की वृद्धि कर दी है। अब परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 3.59 की जगह 3.76 प्रति छात्र तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 5.38 की जगह 5.64 रुपए प्रति छात्र की दर से दिया जाएगा। इस संबंध मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक कुंवर डीबीबी सिंह ने बीएसए को निर्देश जारी कर दिए हैं।
खबर साभार : डीएनए
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