बच्चे स्कूलों में अब दलित महापुरुषों की गाथा पढ़ेंगे : केंद्र सरकार पाठय़क्रम में शामिल करने की गंभीरता से विचार कर तैयारी कर रही
राज्य मुख्यालय : बच्चे स्कूलों में अब दलित महापुरुषों की गाथा पढ़ेंगे। देश और समाज के लिए किए गए उनके त्याग और योगदान को जानेंगे। केंद्र सरकार स्कूल और कालेजों के पाठय़क्रम में दलित महापुरुषों को शामिल करने की तैयारी कर रही है। दलित महापुरुषों और दलित साहित्य को स्कूली पाठ़यक्रम में शामिल करने की भाजपा, संघ और विहिप की मांग को केंद्र सरकार अमली जामा पहनाने की तैयारी में है।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने इसके संकेत दिए हैं। देश और समाज को दिशा देने वाले दलित नेताओं और महापुरुषों की सूची तैयार कर रहा है। भेदभाव से ऊपर उठ कर समाज के लिए किए गए उनके योगदान का ब्योरा जुटाया जा रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय डा. भीमराव अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, रमाबाई अंबेडकर, ई.वी.रामास्वामी पेरियार और कांसीराम समेत दस से अधिक दलित नेताओं के नामों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। नामों को अंतिम रूप देने के बाद स्कूली पाठय़क्रम में शामिल किया जाएगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया ने स्कूली पाठय़क्रम में दलित महापुरुषों की गाथा शामिल किए जाने की योजना की पुष्टि की है। प्रो. कठेरिया के मुताबिक मानव संसाधन विकास विभाग दलित महापुरुषों के इतिहास को स्कूली पाठय़क्रम में शामिल किए जाने को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह की योजना पर विचार कर रहे हैं कि समाज और देश को राह दिखाने वाले इन महापुरुषों के बारे में केंद्र और राज्य दोनों के स्कूलों में जानकारी दी जाए। इन सब चीजों पर सरकार विचार कर रही है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
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