एक करोड़ खाते में, प्रेरक फिर भी खाली हाथ : प्रेरकों ने दो टूक कह दिया कि अगर उनका मानदेय नहीं मिला तो होगा आंदोलन
बरेली : विभागीय लापरवाही के चलते बजट होने के बावजूद जिले के प्रेरक खाली हाथ हैं। उनको पिछले तीस महीने से मानदेय नहीं मिला है। विभाग उनको आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है। सोमवार को प्रेरकों ने विरोध करते हुए बीएसए कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया। प्रेरकों ने दो टूक कह दिया कि अगर उनका मानदेय नहीं मिला तो आंदोलन किया जाएगा।
शासन की ओर से जारी जिलेवार सूची में 19 सितंबर 2014 को एक करोड़ बीस लाख और चौरासी हजार रुपये भेजे गए। प्रेरकों के लिए पिछला बजट जोड़कर कुल 2 करोड़ 41 लाख 68 हजार का बजट बना जिसमें से 2014-15 में 45,57310 और मार्च 2015 में 93,44,231 रुपये खर्च किए गए। कुल बजट का 57.52 फीसद यानि खर्च हुआ जिसमें एक करोड़ 26 लाख 6459 रुपये प्रेरकों के लिए बाकी है। प्रेरकों ने कहा कि अगर बजट है तो प्रेरकों का मानदेय क्यों नहीं दिया जा रहा। जबकि प्रेरकों का मानदेय जारी करने के लिए शासन भी फरमान जारी कर चुका लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते बजट होने के बावजूद उनको मानदेय नहीं मिल पा रहा है।
प्रेरकों ने इसको लेकर सोमवार को बीएसए कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया किया। इस मौके पर राम खिलाड़ी, प्रेम चंद्र, प्रेम पाल, राम बहादुर, सुंदर लाल, लक्ष्मी देवी, मीना गंगवार, अनीता, राज कुमार, प्रताप सिंह, आशोक और जमुना प्रसाद आदि लोग मौजूद रहे।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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