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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

 राज्य सरकार ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की तर्ज पर ब्लॉकों में बनने वाले ब्लॉक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन (बाइट) : केंद्र ने पैसे देने से किया इन्कार, निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक

 राज्य सरकार ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की तर्ज पर ब्लॉकों में बनने वाले ब्लॉक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन (बाइट) : केंद्र ने पैसे देने से किया इन्कार, निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक

लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की तर्ज पर ब्लॉकों में बनने वाले ब्लॉक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन (बाइट) के निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने डायट प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि निर्माण कार्य रोक दिए जाएं और जितना पैसा खर्च हुआ है, उसकी जानकारी उपलब्ध करा दी जाए। इसके लिए केंद्र सरकार ने पैसे देने से इन्कार कर दिया है। 21 जिलों में पहले चरण में बाइट का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। सिर्फ श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर व बस्ती में इसका काम चलेगा।

केंद्र सरकार ने शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए ब्लॉकों पर मिनी डायट यानी बाइट खोलने की योजना शुरू की थी। बाइट पर शिक्षकों को पाठ्यक्रम संबंधी जानकारियां दी जानी थीं। केंद्र ने इसके लिए राज्यों से प्रस्ताव मांगा था। यूपी से पहले चरण में अल्पसंख्यक व अनुसूचित जाति, जनजाति बहुल 38 जिलों के ब्लॉकों में इसकी स्थापना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। 21 जिलों में इसकी मंजूरी मिली थी। केंद्र ने इसके लिए पहले चरण में यूपी को 9 करोड़ रुपये दिए थे। समाज कल्याण विभाग ने भी ढाई करोड़ जारी किए। हर बाइट के निर्माण पर 4.11 करोड़ खर्च होना था। इसके लिए कुछ पैसे भी जारी हुए थे, लेकिन केंद्र के निर्देश पर काम बंद करा दिया गया है। 

         खबर सासाभार : अमरउजाला

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के काबिल शिक्षक तैयार करने की मनमोहन सरकार की योजना पर "ग्रहण" लगने के आसार : उत्तर प्रदेश के सिर्फ तीन जिलों में ब्लाक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन के निर्माण की मंशा

लखनऊ : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के काबिल शिक्षक तैयार करने की मनमोहन सरकार की योजना पर ग्रहण लगने के आसार हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्य सरकार से दो टूक कह दिया है कि योजना के तहत उत्तर प्रदेश के सिर्फ तीन जिलों में ब्लाक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन (बाइट) का निर्माण कराया जाए, बाकी बंद कर दिया जाए।

मनमोहन सरकार ने वर्ष 2012 में राज्यों में ब्लाक इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन (बाइट) खोलने के दिशानिर्देश जारी किए थे। बाइट के निर्माण पर खर्च होने वाली धनराशि में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 75:25 है। केंद्र सरकार ने 21 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में बाइट की स्थापना के लिए सितंबर 2013 में 18.79 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित की थी। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 14.09 करोड़ रुपये और राज्य की 4.69 करोड़ रुपये थी। पहली किस्त के तौर पर केंद्र ने 7.04 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार को जारी कर दी थी। इस साल नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्य सरकार से कहा कि वह सिर्फ तीन जिलों- श्रवस्ती, सिद्धार्थनगर और बस्ती में बाइट का निर्माण कराए, बाकी 18 जिलों में योजना को बंद कर दें। सोमवार को शासन स्तर पर हुई बैठक में तय हुआ कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र से यह अनुरोध किया जाएगा कि उत्तर प्रदेश के 21 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में बाइट बनाने की योजना से हाथ खींचने के फैसले पर वह पुनर्विचार करें |

     खबर साभार : दैनिकजागरण

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