नई शिक्षा नीति में राज्यों की होगी अहम भूमिका : राज्यों के शिक्षाविदों व सरकारों के सुझावों को भी इसमें किया जाएगा शामिल
लखनऊ । देश की बनने वाली नई शिक्षा नीति में राज्यों की अहम भूमिका होगी। राज्यों के शिक्षाविदों व सरकारों की सुझावों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। नई शिक्षा नीति कैसी होनी चाहिए और इसका बच्चों व छात्रों को कैसे फायदा मिलेगा इसके लिए शिक्षाविदों के सुझाव मांगे गए हैं। प्रदेश स्तर पर इसके लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इसमें आने वाले सुझावों और विचारों को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने नई शिक्षा नीति के लिए सुझावों का एक प्रारूप जारी किया है। इसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है। इस पर शिक्षाविदों के सुझाव प्राप्त किए जाएंगे।
नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर पूछा गया है कि कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा को अनिवार्य रूप से मान्यता दी गई है। प्रारंभिक शिक्षा का लक्ष्य बच्चों को पढ़ने-लिखने और ज्ञानवर्धक जानकारियां देने की है। स्कूलों में इन आठ वर्षों में छात्रों ने कितनी जानकारियां प्राप्त की। उनका ज्ञानात्मक विकास, तर्क, बुद्धि और सामाजिक कौशल के साथ-साथ कार्य स्थल में वह कितने निपुण हो रहे हैं।
खबर साभार : अमरउजाला
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