सीएमएस के बाद नवयुग रेडियंस में गरीब बच्चों के दाखिले से इनकार : स्कूल प्रशासन ने बोलने से किया इनकार
√बीएसए कार्यालय से तीन बच्चों के निशुल्क दाखिले के लिए भेजी गई थी सूचना, नहीं मिला प्रवेश
स्कूल प्रशासन ने बोलने से किया इनकार
"निशुल्क सीट पर गरीब बच्चों का दाखिला लेने से इनकार किए जाने के मामले में स्कूल प्रशासन ने बोलने से साफ इनकार कर दिया। उनका दावा है कि दाखिले के लिए कोई उनके पास गया ही नहीं। उनका कहना है कि इस पर स्कूल प्रबंधन फैसला लेगा।"
लखनऊ (डीएनएन)। अब सीएमएस के बाद राजधानी के नवयुग रेडियंस सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रशासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों के दाखिले के लिए नो इंट्री कर दी है। बीते दिनों बीएसए की ओर से तीन गरीब बच्चों के दाखिले के लिए सूची भेजी गई थी। लेकिन स्कूल प्रशासन ने बीएसए कार्यालय के कर्मचारियों को यह कहकर वापस कर दिया कि उनके यहां सीट खाली नहीं हैं, इसलिए एडमीशन नहीं दिया जा सकता। स्कूल प्रशासन के इस जवाब से बच्चों का भविष्य अधर में अटक गया है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अंतर्गत निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों को निशुल्क दाखिले का प्रावधान किया गया है। इसके तहत जितने भी बच्चे दाखिला लेंगे उनकी फीस प्रति छात्र 400 रुपए प्रति माह के हिसाब से सरकार वहन करेगी। अप्रैल से शुरू हुए नए शैक्षिक सत्र में कई निजी स्कूलों में तो गरीब बच्चों के दाखिले लिए गए। लेकिन सीएमएस से इनकार कर दिया था। जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अब नवयुग रेडियंस स्कूल राजेंद्र नगर ने भी गरीब बच्चों को पढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी के मुताबिक इस स्कूल की निशुल्क सीट पर दाखिले के लिए तीन बच्चों को विभाग की ओर से भेजा गया था। एबीएसए नीलम सिंह दाखिला कराने स्कूल गई थीं लेकिन इन्हें सीट न होने की बात कहकर लौटा दिया गया। अब विद्यालय को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
खबर साभार : डीएनए
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