मिड-डे-मील के महत्वाकांक्षी योजना में दूध खूबी : डॉक्टर ने कहा बच्चों को दूध के साथ चाहिये पाचन वाली दबाइयाँ भी, वजह उनकी आंतों में दूध में मौजूद शर्करा लेक्टोज को पचाने वाला एंजाइम नहीं बनेगा उल्टी की होगी शिकायत
मुरादाबाद। बच्चों का दूध इन दिनों सुर्खियों में है। सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में बच्चों को मिडडे मील के साथ दूध बांटने की शुरुआत हुई है तो दूध पीकर बच्चों के बीमार होने की खबरें भी आने लगी हैं। सिर्फ खराब क्वालिटी का दूध पीकर ही बच्चे बीमार हों ये जरूरी नहीं। डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि कई बच्चों को दूध हजम ही नहीं होता है। इसकी वजह उनकी आंतों में दूध में मौजूद शर्करा लेक्टोज को पचाने वाला एंजाइम नहीं बनना है।
जिन बच्चों में लेक्टेज एंजाइम नहीं बनता उन्हें दूध पीते ही दस्त आने की समस्या शुरू हो जाती है। बालरोग विशेषज्ञ डॉक्टर वीएस दीक्षित ने बताया कि सामान्यतया ऐसे बच्चों को दूध पीने से मना करना पड़ता है। अन्यथा, उन्हें लेक्टोज फ्री दूध पीने के लिए कहा जाता है। बाजार में लेक्टोज फ्री दूध पाउडर मिलता है जिसमें पानी मिलाकर दूध तैयार हो जाता है। ये भी जरूरी नहीं बच्चों में दूध का लेक्टोज नहीं पचा पाने की समस्या हमेशा बनी रहे।
कुछ बच्चों को इसके लिए खास बैक्टीरिया युक्त दवाएं दी जाती हैं। नवीन नगर निवासी अभिभावक विवेक शर्मा बताते हैं कि लेक्टोज फ्री दूध पाउडर सामान्य दूध की तुलना में करीब तीन गुना महंगा पड़ता है इसलिए सभी अभिभावक अपने बच्चों को यह दूध नहीं पिला सकते।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
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