परिषदीय स्कूलों के प्रति लोगों की मानसिकता को परिवर्तित करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए करना होगा प्रयास : शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं

मैनपुरी : परिषदीय स्कूलों के प्रति लोगों की मानसिकता को परिवर्तित करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव ने अधीनस्थों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई।
गुरुवार को राजकीय पुस्तकालय परिसर में सभी खंड शिक्षाधिकारियों, बीआरसी और एबीआरसी के साथ बैठक करते हुए बीएसए हरिकेश यादव ने कहा कि उच्च शिक्षित अध्यापकों पर विद्यार्थियों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी है। लेकिन, फिर भी परिषदीय स्कूलों की दशा खराब है। हमें अपना सिस्टम बदलना होगा। नए सिरे से नई शुरूआत करनी होगी। जरूरी है कि सभी शिक्षक अपने विद्यालय की जिम्मेदारी समझें।
नियमित बच्चों की हाजिरी लगाएं। न आने वाले बच्चों की अलग से सूची तैयार करें। ताकि उनका सर्वे कराया जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा में राजनीति को शामिल न करें। अपनी मांगों के लिए स्कूलों में हड़ताल और धरना-प्रदर्शन अलग बात है। लेकिन, ध्यान रहे कि स्कूल समय में इनसे परहेज रखा जाए। अगर, शिक्षकों की राजनीति का असर बच्चों की शिक्षा पर पडे़गा तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। सभी प्रधानाध्यापकों की यह जिम्मेदारी है कि किसी भी सूरत में विद्यालयों में मिड-डे मील बंद न होने पाए।
अक्सर उपस्थिति पंजिका में फर्जी छात्र संख्या दर्शाकर विद्यालय की प्रगति तैयार की जाती है। यह अब नहीं चलेगा। सिर्फ उन्हीं बच्चों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी जो स्कूल आए हैं। शिक्षक अपने समय पर ही स्कूल पहुंचें। अगर औचक निरीक्षण में लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
खबर साभार : दैनिकजागरण

मैनपुरी : परिषदीय स्कूलों के प्रति लोगों की मानसिकता को परिवर्तित करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव ने अधीनस्थों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई।
गुरुवार को राजकीय पुस्तकालय परिसर में सभी खंड शिक्षाधिकारियों, बीआरसी और एबीआरसी के साथ बैठक करते हुए बीएसए हरिकेश यादव ने कहा कि उच्च शिक्षित अध्यापकों पर विद्यार्थियों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी है। लेकिन, फिर भी परिषदीय स्कूलों की दशा खराब है। हमें अपना सिस्टम बदलना होगा। नए सिरे से नई शुरूआत करनी होगी। जरूरी है कि सभी शिक्षक अपने विद्यालय की जिम्मेदारी समझें।
नियमित बच्चों की हाजिरी लगाएं। न आने वाले बच्चों की अलग से सूची तैयार करें। ताकि उनका सर्वे कराया जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा में राजनीति को शामिल न करें। अपनी मांगों के लिए स्कूलों में हड़ताल और धरना-प्रदर्शन अलग बात है। लेकिन, ध्यान रहे कि स्कूल समय में इनसे परहेज रखा जाए। अगर, शिक्षकों की राजनीति का असर बच्चों की शिक्षा पर पडे़गा तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। सभी प्रधानाध्यापकों की यह जिम्मेदारी है कि किसी भी सूरत में विद्यालयों में मिड-डे मील बंद न होने पाए।
अक्सर उपस्थिति पंजिका में फर्जी छात्र संख्या दर्शाकर विद्यालय की प्रगति तैयार की जाती है। यह अब नहीं चलेगा। सिर्फ उन्हीं बच्चों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी जो स्कूल आए हैं। शिक्षक अपने समय पर ही स्कूल पहुंचें। अगर औचक निरीक्षण में लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
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