कठघरे में अक्षयपात्र ,सांसत में अभिभावक : नौनिहालों को मिलने वाले भोजन को लेकर सवाल उठने लगे ; स्वचालित प्लांट में मिड-डे मील बनाने का दावा फेल
लखनऊ : अक्षय पात्र फाउंडेशन के स्वचालित प्लांट में मिड डे मील बनाने का दावा फेल होता नजर आ रहा है। प्रदेश के बाहर स्कूलों में गुणवत्तायुक्त मिड डे मील की आपूर्ति की सब्जबाग दिखाने वाली संस्था स्कूल खुलने के पहले महीने में ही कठघरे में आकर खड़ी हो गई है।
छावनी के आरए बाजार हाईस्कूल और बीसी बाजार प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को बुधवार को दूध पीने से बच्चे बीमार हो गए। संस्था की लापरवाही से 77 बच्चों की सेहत से साथ हुआ खिलवाड़ को लेकर संस्था पर उठ रहे सवाल कोई नए नहीं हैं। अभिभावक तो अब संस्था के मिड डे मील पर ही सवाल उठाने लगे हैं। छावनी के स्कूलों के पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने तो पहले भी संस्था के भोजन में छिपकली निकलने की शिकायत भी कैंट विधायक डॉ.रीता बहुगुणा जोशी से की थी।
अभिभावकों का कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की विवशता अब उनके कलेजे के टुकड़ों की सेहत पर बन आई है। जानकारों की माने तो सरोजनीनगर स्थित संस्था के प्लांट में इन दिनों काम करने वाले कर्मचारियों की कमी है। स्थानीय निवासियों को नौकरी पर रखा था, लेकिन वेतन भुगतान में असंतोष के चलते कई लोगों ने नौकरी छोड़ दी। फिलहाल कारण जो भी हों, लेकिन नौनिहालों को मिलने वाले भोजन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। उधर, अक्षय पात्र फाउंडेशन के उप महाप्रबंधक सुनील मेहता से दूध वितरण की लापरवाही के बारे में पूछने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल फोन नहीं उठा। उनके नंबर पर मैसेज करने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया।
खबर साभार : दैनिकजागरण
0 Comments