स्कूलों में दूध वितरण का मुद्दा राष्ट्रपति तक पहुंचा : चाइल्ड लाइन संस्था ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया
√दूध वितरण में अनियमितता की शिकायत, चाइल्ड लाइन संस्था ने प्रधानमंत्री को भी भेजा|
√संस्थाएं किसी तरह प्राथमिक स्कूल में 3.95 रुपये और माध्यमिक में 5.38 रुपये में एमडीएम सप्लाई कर रही
√सरकार ने बजट तो नहीं बढ़ाया बल्कि प्रति बच्चा सप्ताह में एक बार दो सौ मिली लीटर दूध देने का फरमान जारी कर दिया
कानपुर । परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील योजना में दूध वितरण में अनियमितता की शिकायत राष्ट्रपति तक जा पहुंची है। चाइल्ड लाइन संस्था ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है।
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के मध्याह्न भोजन के मेन्यू परिवर्तन के बाद से एमडीएम सप्लाई करने वाली संस्थाओं के सामने संकट खड़ा हो गया है। संस्थाएं किसी तरह प्राथमिक स्कूल में 3.95 रुपये और माध्यमिक में 5.38 रुपये में एमडीएम सप्लाई कर रही हैं। संस्थाएं पिछले काफी समय से इसका बजट बढ़ाने की मांग कर रही हैं।
सरकार ने बजट तो नहीं बढ़ाया बल्कि प्रति बच्चा सप्ताह में एक बार दो सौ मिली लीटर दूध देने का फरमान जारी कर दिया। संस्थाओं ने एकजुट होकर जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार से अपील की कि इतने कम दाम में खाना देना ही मुश्किल हो रहा है, दूध कैसे बांटेंगे। सभी संस्थाओं ने खाना सप्लाई भी बंद करने की चेतावनी दी है।
इससे प्रदेश के लगभग दो करोड़ स्कूली बच्चे प्रभावित होंगे। चाइल्ड लाइन संस्था के संचालक कमलकांत ने बताया कि शासन से सुनवाई नहीं होने पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली, मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति इरानी को पत्र के माध्यम से शिकायत की गई है।
दूध वितरण में अनियमितता की शिकायत, चाइल्ड लाइन संस्था ने प्रधानमंत्री को भी भेजा|
खबर साभार : अमरउजाला
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