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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

दूध वितरण की करो व्यवस्था : सरकारी स्कूलों में बुधवार को दूध वितरण को लेकर आ रही दिक्कतों के निदान पर हुआ बैठक

दूध वितरण की करो व्यवस्था : सरकारी स्कूलों में बुधवार को दूध वितरण को लेकर आ रही दिक्कतों के निदान पर हुआ बैठक

फतेहपुर : सरकारी स्कूलों में बुधवार को दूध वितरण को लेकर आ रही दिक्कतों के निदान के लिए डीएम ने बैठक में भाग ले रहे जिम्मेदारों को दो टूक शब्दों में हिदायत दे दी कि दूध वितरण में समस्याएं गिनाने से काम नहीं चलने वाला है। दूध वितरण की व्यवस्था करो यही सबसे अच्छा रास्ता है। खामी किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगी।

विकास भवन के सभागार में डीएम पुष्पा ¨सह ने शासन की दूध वितरण की मंशा के अनुपालन में आ रही दिक्कतों को सुना और निदान का रास्ता भी बता दिया। बीएसए को निर्देशित किया कि वह बुधवार के दिन सघन चे¨कग कराए कि कहां दूध बंटा और कहां पर नहीं बंटा, जिससे कि जिम्मेदारों से हिसाब लिया जा सके। इसके अलावा पठन पाठन और परिसर को साफ सुथरा रखा जाए। प्रत्येक बच्चे को 200 मिली दूध अनिवार्य रूप से दिया जाए। इसके लिए खरीदे गए दूध को 3 घंटे के अंदर पका लिया गया। प्रधानों से सहयोग लिया जाए। किसी भी दशा में बच्चा बीमार होता है तो उसे आनन फानन सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाए। दूध के लिए सरकारी डेयरी और ग्राम डेयरी के साथ पशु पालकों से खरीद की जाए। बैठक में भाग ले रहे खंड शिक्षाधिकारियों, एनपीआरसी को निर्देशित किया कि वह शासन की मंशा में खरे उतरे। अन्यथा लापरवाही पाए जाने पर कड़ी सजा मिलेगी। दूध वितरण में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ न हो पाए इसके लिए पैनी नजर रखें, निरीक्षण करें। बीएसए को निर्देशित किया कि वह कमेटी का गठन करके व्यापक पैमाने पर परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण कराएं। इस मौके पर बीएसए विनय कुमार, सभी 13 ब्लाकों के खंड शिक्षाधिकारी, अपर जिलाधिकारी शिव प्रसाद, दुग्ध संघ के महाप्रबंधक डॉ. केके गुप्ता, जिला समन्यवक मिड डे मील आशीष दीक्षित, एनपीआरसी मौजूद रहे।

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बैठक के यह रहे प्रमुख बिन्दु

- मिड-डे मील प्रतिदिन वितरित हो।

- कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को बेहतर शिक्षा दी जाए।

-शिक्षक-छात्र उपस्थिति औचक निरीक्षण सं जांची जाए।

-बीएसए कमेटी बनाकर जांच कार्य को पूरा कराएं।

-अनुपस्थित शिक्षकों को कार्यवाही के दायरे मे लिया जाए।

-बच्चों में ज्ञान की कमी तो प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे।

-हर स्कूल में 5-5 पौध रोपण किया जाए।

- स्कूल परिसर साफ सुथरा रखा जाए।

दूध वितरण के लिए तय मानक - दूध यदि पशु पालक से लिया जाए तो सामने दूध निकलवाया जाए। पशु पालक का मोबाइल नंबर व निवास आदि की पुख्ता जानकारी रखी जाए।

- यदि किसी दुग्ध विक्रेता से क्रय किया जाए तो खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से जारी वैध पंजीकरण की प्रति स्कूल में सुरक्षित रखी जाए। किसी भी दशा में गैर पंजीकृत कारोबारी से दूध न लिया जाए।

- क्रय किए गए दूध की जांच कराने के लिए कम से कम 1 हजार मिलीग्राम दूध अवश्य सुरक्षित रखा जाए। किसी भी अनहोनी की दशा से उसकी जांच खाद्य एवं औषधि प्रशासन से कराई जा सके।

       खबर साभार : दैनिकजागरण

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