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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर लगाई गई फर्जी मार्कशीट : 83 मार्कशीट मिली फर्जी, 228 जांच के लिए भेजी गई, लविवि की फर्जी मार्कशीट बनाने का खेल

शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर लगाई गई फर्जी मार्कशीट : 83 मार्कशीट मिली फर्जी, 228 जांच के लिए भेजी गई, लविवि की फर्जी मार्कशीट बनाने का खेल

√स्पोर्ट्स कोटे से सीधे दाखिले में तीन सार्टिफिकेट फर्जी

√शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर लगाई गई फर्जी मार्कशीट

√83 मार्कशीट मिली फर्जी, 228 जांच के लिए भेजी गईं

√फंदे में खिलाड़ी फर्जीवाड़ा फर्जी दाखिले का खेल पकड़ा

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट बनाने का खेल जारी है। एक के बाद एक फर्जी मार्कशीट के मामले आने से लविवि प्रशासन के होश उड़े हुए हैं। 83 फर्जी मार्कशीट व डिग्री पाई गई हैं और 228 जांच के लिए भेजी गई हैं। अब तक फर्जी मार्कशीट का आंकड़ा 400 के पार हो गया है। जांच के लिए जो मार्कशीट भेजी गई हैं, उनमें भी आशंका है कि आधे से अधिक नकली हो सकती हैं। ऐसे में आगे यह आंकड़ा अब पांच सौ के पार भी पहुंच सकता है। एलटी ग्रेट शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जी मार्कशीट लगाई गई है।

लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट व डिग्री लगाने का सिलसिला बीते अप्रैल महीने में लखीमपुर खीरी में अनुदेशक भर्ती में पकड़ने के साथ शुरू हुआ जो अभी जारी है। इसके बाद एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। अभी हाल में शिक्षक भर्ती में 84 में से 80 मार्कशीट व डिग्री फर्जी पाई गई और इसके बाद अब 96 मार्कशीट व डिग्री में से करीब 83 फर्जी पाई गई हैं। सोमवार को 228 और मार्कशीट व डिग्री जांच के लिए भेजी गई हैं। सूत्रों की मानें तो इसमें से आधी मार्कशीट व डिग्री फर्जी निकलने की आशंका है। फिलहाल अब जांच रिपोर्ट आने के बाद आंकड़ा 500 के पार हो सकता है। एक के बाद एक फर्जी मार्कशीट निकलने से लविवि की साख को बट्टा लग रहा है।

लविवि की स्टेशनरी पर मार्कशीट बनाने की आशंका : मार्कशीट का कर रहे धंधेबाज लविवि की स्टेशनरी पर मार्कशीट पर बनायी जा रही है। अप्रैल में लविवि ने तत्कालीन डीन फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो. आरआर लायल की अध्यक्षता में जो जांच कमेटी बनाई थी। उसने भले ही जांच पूरी न की हो, लेकिन कमेटी के अन्य सदस्यों ने स्टेशनरी लविवि की होने की आशंका जताई थी।

शिकंजा कसने में लविवि नाकाम

मार्कशीट के फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा मामला करीब तीन साल पहले मुजफ्फरनगर में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में पकड़ा गया। उसमें करीब आठ कर्मचारी परीक्षा विभाग के चिह्न्ति किए गए। मामले में लविवि की ओर से जो रुचि दिखाई जानी चाहिए थी, वह नहीं दिखाई गई। फर्जी मार्कशीट की जांच के लिए एसटीएफ को पत्र लिखा गया। मगर लविवि ने अपनी कमेटी बनाकर इस मामले में आरोप तय करने की हिम्मत नहीं दिखाई। अप्रैल में डीन लॉ की अध्यक्षता में बनी कमेटी के अध्यक्ष ने जांच करने से मना कर दिया था |

      खबर साभार : दैनिकजागरण

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