सरकारी विद्यालयों के प्रारम्भिक शिक्षा के कक्षा 5 में पढ़ाई जाने वाली गणित को अमेरिका में पढ़ते हैं छठवीं के बच्चे : अमेरिका के बोस्टन शहर से बिधूना आई गणित शिक्षिका की मानें तो प्रारंभिक शिक्षा में गणित पढ़ाई के स्तर में देश आज भी अमेरिका से है आगे
औरैया : सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम को विदेशी मानदंडों पर खड़े स्कूलों के मुकाबले में लोग भले तंज कसते हों लेकिन हकीकत कुछ और है। हाल ही में अमेरिका के बोस्टन शहर से बिधूना आई गणित शिक्षिका की मानें तो प्रारंभिक शिक्षा में गणित पढ़ाई के स्तर में देश आज भी अमेरिका से आगे है। हो भी क्यों न, आखिर यह महान गणितज्ञ वराहमिहिर व आर्यभट्ट की धरती जो है। गांव के स्कूल में पढ़ाई जा रही गणित का स्तर अमेरिका जैसे विकसित देश को भी एक पायदान पीछे किए है। यहां गांव के सरकारी स्कूल में कक्षा 5 में गणित की जिस तरह की शिक्षा दी जाती है, वह अमेरिका में सिक्स स्टैंडंर्ड यानी छठवीं कक्षा में पढाया जाता है। प्रदेश के अति पिछड़े इस जनपद की बिधूना तहसील के रमपुरा गांव में बेसिक शिक्षा का प्राथमिक विद्यालय है।
सोमवार को अमेरिका के बोस्टन शहर के औद्योगिक क्षेत्र मैक्सच्यू स्थित बर्ड मिडिल स्कूल की गणित की शिक्षिका शैली ¨सह रमपुरा के प्राथमिक स्कूल पहुंची। भारतीय मूल की अमेरिकन शिक्षक की पांचवीं कक्षा के ब्लैकबोर्ड पर नजर पड़ी तो उन्होंने देखा कि चार अंकों की संख्या का जोड़ यहां पांचवीं कक्षा में सिखाया जा रहा है। यह अमेरिका में छठवीं कक्षा में पढ़ाया जाता है। किताब लेकर उन्होंने स्लेबस देखा तो इस तथ्य की और पुष्टि हो गई। शैली ने प्रधानाध्यापक शहाबुद्दीन से अन्य कक्षाओं में गणित विषय की पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। कमोवेश सभी कक्षाओं में यही स्थिति मिली। यहां गणित के जो सवाल लगवाए जा रहे थे, वह अमेरिका में अगली कक्षा में पढ़ाए जाते हैं।
'जागरण' से वार्ता में उन्होंने कहा कि उनकी मातृभूमि गणित में अमेरिका से आगे है। इसका उन्हें गर्व है। शिक्षा प्रणाली की तुलना के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां सैद्धांतिक शिक्षा दी जाती है जबकि अमेरिका में व्यवहारिक शिक्षा पर जोर है। इस दौरान उनके साथ उनके पति देवेश व देवर गौरव रघुवंशी भी थे। देवेश अमेरिका में एल कंपनी के निदेशक हैं। रमपुरा में शैली की ससुराल है। वह पहली बार ससुराल आई थीं। 2003 में वह भारत से अमेरिका जाकर बसी थीं। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव का कहना है कि भावी पीढ़ी की शिक्षा की नींव मजबूत करने के लिए गुणात्मक सुधार के प्रयास जारी हैं। इसके सार्थक परिणाम भी द्रष्टिगत हो रहे हैं ।
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