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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

शिक्षक भर्ती में लविवि की 34 फर्जी मार्कशीट मिलीं : नंबरों के अंतर से हुआ शक, मेरिट में आने के लिए लगाई फर्जी डिग्री, यूनिवर्सिटी में जांच में सामने आ रहे मामले

शिक्षक भर्ती में लविवि की 34 फर्जी मार्कशीट मिलीं : नंबरों के अंतर से हुआ शक, मेरिट में आने के लिए लगाई फर्जी डिग्री, यूनिवर्सिटी में जांच में सामने आ रहे मामले

लखनऊ। जूनियर हाईस्कूलों में अनुदेशकों की भर्ती में लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट मिलने की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई पाई थी कि राजकीय स्कूलों में चल रही एलटी शिक्षकभर्ती में भी बड़ी संख्या में फर्जी मार्कशीट पकड़ी गई हैं। यह मार्कशीट जांच के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में 15 दिन पहले संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ मंडल सुत्ता सिंह की ओर से भेजी गई थीं। सत्यापन के दौरान गुरुवार को 34 मार्कशीटें फर्जी पाई गईं।

पिछले कई महीनों से राजकीय हाईस्कूलों में एलटी ग्रेड शिक्षक के पदों पर भर्ती चल रही है। इस समय अंक पत्रों के सत्यापन का काम चल रहा है। चूंकि सत्यापन के बाद ही शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की व्यवस्था की गई है, इसलिए अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसी क्रम में लखनऊ मंडल में शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए उसे लखनऊविश्वविद्यालय भेजा गया था। 15 दिन बीतने के बाद भी सत्यापन की रिपोर्ट न आने पर जेडी सुत्ता सिंह खुद लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से मिलने पहुंचीं। जिसके बाद परीक्षा नियंत्रकएसकेशुक्ल ने उन्हें बताया कि 33 मार्कशीट फर्जी पाई गई हैं, इनमें स्नातक व बीएड के अंकपत्र शामिल हैं।

लविवि पर उठे सवाल:-

फर्जी मार्कशीट के जरिए नौकरी लेने का यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसी कई भर्ती प्रक्रिया में यहां की फर्जी मार्कशीट लगाए जाने का खुलासा हो चुका है। अप्रैल से जून तक में अनुदेंशकों की भर्ती, शिक्षामित्रों के समायोजन के मामले में इलाहाबाद, लखीमपुर खीरी व मेरठ से करीब 150 फर्जी मार्कशीट पकड़ी जा चुकी हैं। ऐसे में लविवि में फर्जी मार्कशीट बनाने के किसी रैकेट के संचालन पर आशंका जताई जा रही है। हालांकि इस खुलासे के बाद अब लविवि पर फिर सवाल उठने लगे हैं।

 नंबरों के अंतर से हुआ शक

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में जिन अभ्यर्थियों की मार्कशीट फर्जी पाई गई हैं उनमें ज्यादातर के नंबर हाईस्कूल, इंटर में तो 40, 45 प्रतिशत हैं, लेकिन स्नातक व बीएड में 85 से लेकर 90 प्रतिशत तक मिले हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक नंबरों के इसी अंतर की वजह से शक हुआ और अंकपत्रों को सत्यापित कराने का निर्णय लिया गया।

मेरिट में आने के लिए लगाई फर्जी डिग्री

राजकीय हाईस्कूलों में एलटी ग्रेड की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यह पूरी भर्ती प्रक्रिया मंडलीय कमेटी की निगरानी में हो रही है। चूंकि भर्ती मेरिट के आधार पर होगी, इसलिए अभ्यर्थियों ने फर्जी मार्कशीट लगा डाली।

         खबर साभार : डीएनए

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