प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को सेवा मुक्त करने से रिक्त हुए पदों का प्रतिकूल प्रभाव अब नजर आने लगा : बाढड़ा खंड के 32 स्कूलों में शिक्षण कार्य राम भरोसे
बाढड़ा : प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को सेवा मुक्त करने से रिक्त हुए पदों का प्रतिकूल प्रभाव अब नजर आने लगा है। खंड के 32 विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था एक तरह से चौपट हो गई है। दर्जनभर विद्यालयों में कई विषयों के शिक्षकों के यहां से हटने के बाद से रिक्त सीटों को लेकर शिक्षा विभाग आनन-फानन में दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों को वहा भेज रहा है और कब किस शिक्षक को दूसरे विद्यालय में जाना पड़ जाए कहा नहीं जा सकता। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी 3548 अतिथि शिक्षकों को एक जुलाई से पदमुक्त कर दिया है। जुलाई के आरभ से चले नए शिक्षण सत्र के दो सप्ताह गुजरने के बाद अब सरकारी स्कूलों में उनकी कमी से शिक्षण व्यवस्था लड़खड़ा गई है और कई विषयों के शिक्षकों के शिक्षक ही नहीं रहे हैं। खंड के राजकीय उच्च विद्यालय श्यामकला, राजकीय माध्यमिक विद्यालय डाडमा, लाडावास, काकड़ौली हट्ठी, गोविंदपुरा में सामाजिक विषय व अंग्रेजी जैसे विषयों का काम देख रहे अतिथि शिक्षकों के हटने के बाद एक शिक्षक के सहारे काम चलाया जा रहा है वहीं राजकीय माध्यमिक विद्यालय ऊण, राजकीय उच्च विद्यालय डालावास, भाडवा, राजकीय माध्यमिक विद्यालय जेवली में गणित, विज्ञान, ड्राइंग जैसे विषयों के शिक्षकों का संकट पैदा हो गया है। विद्यालय में शिक्षकों की कमी से गुस्साए अभिभावकों के तेवरों से शिक्षा विभाग की भी नींद उड़ गई है और खंड शिक्षा कार्यालय अन्य विद्यालयों में नियुक्त विषय शिक्षकों को रातों रात प्रतिनियुक्ति पर भेज कर अपने कर्तव्य की औपचारिकता पूरी कर रहा है। खंड के कई शिक्षक आज किस विद्यालय में पढ़ा रहे है तो कल उनको कहा पर अस्थाई तैनाती मिलेगी यह सोच कर शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। लंबे समय से नियुक्त शिक्षक अपनी सीट बचाने के लिए राजनेताओं व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से सांठगांठ करने में लगे है वहीं कई शिक्षक विभाग की लापरवाह कार्यशैली के खिलाफ लामबंद होने लगे है। इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश फौगाट से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षो से गेस्ट टीचरों के कार्यरत रहने से कुछ परेशानी पैदा हुई है जिसके लिए अन्य विद्यालयों के शिक्षकों को रिक्त पदों वाले विद्यालयों में भेजकर काम चलाया जा रहा है।
समाधान करे सरकार
अतिथि शिक्षकों के लगातार चल रहे आदोलनों से प्रदेश में गर्माई राजनीति के बीच क्षेत्र की खापों, छात्र संगठनों व सामाजिक संगठनों ने प्रदेश सरकार से इनके रोजगार व बच्चों के भविष्य का ख्याल रखते हुए सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए विशेष नीति लागू करने की अपील की है। श्योराण खाप 25 के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला व वरिष्ठ नेता कमल सिंह माढी ने कहा कि सभी खापें न्यायालय का सम्मान करती है और वे उनके मार्गदर्शन में संविधान के दायरे में रहकर काम करती है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों का एक तरह से राजनीति की भेंट चढाया जा रहा है। भिवानी राजकीय महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय मोटू ने कहा कि प्रदेश का शिक्षा विभाग जानबूझ कर शिक्षा के प्रति चिंतित नजर नहीं आता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार गेस्ट टीचरों को सरप्लस बता कर बाहर कर चुकी है
सामाजिक चिंतक व ब्राह्मण सभा 84 के कोषाध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती के समय उनके सभी कागजात जाच परख कर व मैरिट के पैमाने पर इनको नियुक्ति दी गई लेकिन बाद में इनको हटा कर नई भर्ती न करना व उनको बेरोजगार बनाना न्याय नहीं है।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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