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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

शिक्षामित्रों के नये समायोजन पर ही रहेगी रोक : विभाग विधिक तैयारी में जुटा, 27 को सुनवाई में साफ होगी स्थिति

शिक्षामित्रों के नये समायोजन पर ही रहेगी रोक : विभाग विधिक तैयारी में जुटा, 27 को सुनवाई में साफ होगी स्थिति

शिक्षामित्रों के नये समायोजन पर ही रहेगी रोक
सुप्रीम कोर्ट में 27 को सुनवाई में साफ होगी स्थिति
विभाग विधिक तैयारी में जुटा 135000 शिक्षामित्रों पर नहीं होगा असर

लखनऊ | सूबे में शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पदों पर समायोजित हो चुके शिक्षकों के लिए राहत है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर शासन में मंथन शुरू हो गया है। शिक्षामित्रों के नये समायोजन पर ही रोक रहेगी और सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को होने वाली सुनवाई के बाद ही स्थिति साफ होगी। सूबे में सहायक अध्यापक के पदों पर दो चरणों में समायोजित हो चुके 135000 शिक्षामित्रों पर कोई असर नहीं पडेगा। फिलहाल विभाग ने विधिक सलाह लेकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है।

सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में तथ्यों  को ठीक तरीके से रखा जाएगा। सर्वोच्च अदालत में सरकार का पक्ष रखने के लिए अफसर पूरी तैयारी में जुट गये हैं। इस मामले को लेकर बेसिक शिक्षा सचिव व्यक्तिगत तौर पर तलब है, ऐसे में महकमा अपनी पूरी तैयारी, कैबिनेट के फैसले से लेकर नियमावली और एनसीटीई से मिली छूट सहित सभी पक्षों पर काम कर रहा है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती को लेकर होनी थी, ऐसे में शिक्षामित्रों के प्रकरण पर रोक लगाने को लेकर अफसर सीधे कुछ भी कहने से बच रहे हैं और अब सभी अपनी तैयारी में ही जुटे हैं। 

उल्लेखनीय है कि सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में चल रही शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजन की प्रक्रिया को रोकने का आदेश दिया है। अभी द्वितीय चरण में 15 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन बाकी है और तीसरे चरण के शिक्षामित्रों का भी समायोजन होना है, लेकिन इसके लिए अभी प्रशिक्षण ही चल रहा है।

ऐसे में अब इन शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर 27 जुलाई को होने वाली सुनवाई में ही स्थिति साफ होगी। मालूम हो कि शिक्षामित्र संगठन ने भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में अपनी पैरवी कराने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि जब इस मामले को लेकर अभी हाईकोर्ट में ही केस लम्बित है, तो फिर देश की सबसे बड़ी अदालत में तयों को ठीक तरीके से न रखकर पौने दो लाख शिक्षामित्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है।

      खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

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