टीईटी-2011 परीक्षा के अंकपत्रों में हेराफेरी की आंच बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती : अभिलेखों में इस हेराफेरी के लिए दो कर्मचारी प्रधान सहायक बृजनंदन और वरिष्ठ सहायक संतोष श्रीवास्तव को दोषी पाया
बड़े अफसरों तक पहुंचेगी हेराफेरी की आंच
इलाहाबाद : शुरू से ही विवादों की केंद्र रही टीईटी-2011 परीक्षा के अंकपत्रों में हेराफेरी की आंच बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती है। बोर्ड ने इसकी जांच शुरू कर दी है और जल्द ही निलंबित किए गए दो कर्मचारियों को चार्जशीट देने की तैयारी है। बोर्ड के लोग भी मानते हैं कि यह सिर्फ कर्मचारियों का काम नहीं हो सकता। इसके पीछे जरूर उन्हें कहीं से निर्देश मिले होंगे।
यूपी बोर्ड में एक दिन पहले ही यह मामला प्रकाश में आया है कि दो कर्मचारियों ने टीईटी के टेबुलेशन रिकार्ड में हेराफेरी कर चार सौ फेल अभ्यर्थियों को पास कर दिया। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जबकि 72825 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इससे इस भर्ती में नियुक्ति पाए कई अभ्यर्थियों के अंकपत्रों पर भी सवाल खड़ा हो सकता है। ध्यान रहे, टीईटी में फर्जी अंकपत्रों के सहारे नियुक्तियां पाने की खबरें पहले भी प्रकाश में आती रही हैं और कई जिलों में इस पर कार्रवाई भी हुई है।
ऐसे खुला मामला : दरअसल टीईटी के पुराने फर्जीवाड़े की वजह से कई अभ्यर्थियों को अंकपत्र नहीं मिल पा रहे थे। उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट के निर्देश पर बोर्ड ने टेबुलेशन रिकार्ड छपवाया, ताकि उसके आधार पर संशोधित अंकपत्र दिए जा सकें। उसमें ही चार सौ फेल छात्रों को पास कर दिया।
सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों ने इस रिकार्ड में अलग से कई पेज छपवाकर डाले गए। हालांकि जब कंप्यूटर डाटा से इसका मिलान किया गया तो गड़बड़ी सामने आ गई। अभिलेखों में इस हेराफेरी के लिए दो कर्मचारी प्रधान सहायक बृजनंदन और वरिष्ठ सहायक संतोष श्रीवास्तव को दोषी पाया गया। बोर्ड के सचिव अमरनाथ वर्मा ने उन्हें निलंबित कर जांच अपर सचिव राजेंद्र प्रताप को सौंप दी है।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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टीईटी-2011 परीक्षा के अंकपत्रों में हेराफेरी की आंच बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती : अभिलेखों में इस हेराफेरी के लिए दो कर्मचारी प्रधान सहायक बृजनंदन और वरिष्ठ सहायक संतोष श्रीवास्तव को दोषी पाया
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