यूपी बोर्ड टीईटी-2011 टीआर अभिलेख में छेड़छाड़ का मामला : जांच मेें फंस सकते हैं कई अधिकारी-कर्मचारी ; क्षेत्रीय कार्यालयों में भी टीआर अभिलेख फाड़ने की हो चुकी है घटना
इलाहाबाद : टीईटी-2011 के टीआर अभिलेख में गड़बड़ी की शुरुआती जांच के बाद अभिलेख विभाग के दो जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। बोर्ड में इस बात को लेकर दिनभर चर्चा रही कि कर्मचारी हमेशा से अधिकारियों का मोहरा बनते रहे हैं, बोर्ड के दो कर्मचारियों का निलंबन इसी कड़ी का हिस्सा हो सकता है।
टीईटी के टीआर अभिलेख में हेराफेरी से पूर्व में यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों से भी टीआर अभिलेख को फाड़ने सहित उसमें गड़बड़ी करने का आरोप लगता रहा है। यूपी बोर्ड के इलाहाबाद स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में कुछ वर्षों पूर्व एक सिपाही को बचाने के लिए टीआर अभिलेख को फाड़ने की घटना हुई थी। मामले में तत्कालीन क्षेत्रीय सचिव ने कर्मचारियों को शामिल पाए जाने पर दंडित किया था। इस सिपाही ने गलत तरीके से जन्मतिथि में हेराफेरी करदो बार हाईस्कूल परीक्षा पास करके नौकरी हासिल की थी।
मामला सामने आने पर सिपाही ने बोर्ड के कर्मचारियों-अधिकारियों की मिली भगत से टीआर रजिस्टर के साथ छेड़छाड़ की थी। इसी प्रकार की गड़बड़ी वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय में हो चुकी है। 2011 में प्रदेश में पहली बार हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से विवादों का नाता पुराना है। आवेदन से लेकर परिणाम की घोषणा और उसमें संशोधन को लेकर विवाद पुराना है। परिणाम की घोषणा के बाद प्रमाण पत्रों में संशोधन के बाद विवाद गहराया तो आरोप के घेरे में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं बोर्ड सचिव भी आईं।
खबर साभार : अमरउजाला
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