केंद्र सरकार शिक्षामित्रों एवं अस्थायी शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने के अपने रुख पर है कायम : केंद्र ने फिर साफ किया है अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य नहीं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार शिक्षामित्रों एवं अस्थायी शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने के अपने रुख पर कायम है। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों का टीईटी का मसला हालांकि सुप्रीम कोर्ट में उलझा हुआ है लेकिन केंद्र ने फिर साफ किया है अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य नहींहै।
कार्यरत शिक्षक की श्रेणी में
मंत्रलय के अनुसार राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद ने शिक्षामित्रों या अस्थायी शिक्षकों को पहले से कार्यरत शिक्षक की श्रेणी में रखा है। उनके अस्थायी होने से उन्हें पहले से कार्यरत शिक्षक की श्रेणी से नहीं हटाया जा सकता। इसलिए इन नियमों के तहत उन्हें स्थायी करने की प्रक्रिया को नई नियुक्त नहीं माना जाएगा। नई नियुक्ति के दायरे मेंनहीं:एनसीटीई और मानव संसाधन विकास मंत्रलय के अनुसार अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करना नई नियुक्ति के दायरे में नहीं आता और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उन पर टीईटी की अनिवार्यता नहीं थोपी जा सकती। एनसीटीई के नियमों के तहत यदि ऐसे शिक्षकों की न्यूनतम योग्यताएं आदि कम हैं तो एक निश्चित अवधि में उसे पूरा करना होगा।
निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर
लखनऊ। शिक्षामित्रों की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में 27 जुलाई को शिक्षामित्रों के लिए टीईटी अनिवार्य करने के मामले में सुनवाई है। फिलहाल, शिक्षामित्रों के समायोजन पर राज्य सरकार ने रोक लगा रखी है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
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