परिषदीय प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों के 200 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका : केंद्रीय टीम के सदस्यों ने जांच के दौरान परिषदीय विद्यालयों में गंदगी देख व्यक्त की थी नाराजगी
रायबरेली : बेसिक शिक्षाधिकारी के आदेश के बाद भी जिले के परिषदीय प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में तैनात शौचालय की साफ-सफाई और निर्माण पर ध्यान नहीं दिया। केंद्रीय टीम को भी पहले कुछ परिषदीय विद्यालयों में गंदगी देखने को मिली थी। इस पर केंद्रीय टीम ने नाराजगी व्यक्त की थी। इस पर बीएसए ने जनपद के परिषदीय विद्यालयों में तैनात दो सौ प्रधानाध्यापकों व इंचार्ज प्रधानाध्यापकों का वेतन रोक दिया है। मामले की जानकारी होने पर प्रधानाध्यापकों के बीच हड़कंप मच गया है।
मालूम हो कि 'जागरण' लगातार स्कूलों में गंदे पड़े शौचालयों और शौचालय निर्माण के संदर्भ में अलग-अलग शीर्षक से खबरों को प्रकाशित किया था। जागरण में छपी खबरों को संज्ञान में लेने के बाद बीएसए ने शौचालयों की प्रगति रिपोर्ट मांगी। प्रगति रिपोर्ट में बीएसए के सामने आने पर उनका पारा हाई हो गया। उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्रीय टीम शौचालयों का निरीक्षण कर रही है।
इसके बाद भी प्रधानाध्यापकों और इंचार्ज प्रधानाध्यापकों द्वारा शौचालयों की साफ-सफाई और निर्माण कार्य पर ध्यान नहीं दिया गया। इस पर बीएसए ने गुरुवार की शाम कुल दो सौ प्रधानाध्यापकों और इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को वेतन रोक हुए जवाब मांगा है। मामले की जानकारी होने पर अन्य प्रधानाध्यापकों में हड़कंप मच गया है। बीएसए ने शौचालयों की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए है कि वह स्कूलों का निरीक्षण खामियों को दूर कराए।
बीएसए रामसागर पति त्रिपाठी ने बताया कि कई स्कूलों में निरीक्षण के दौरान खामियां मिली थी। इस पर दौ सौ प्रधानाध्यापकों और इंचार्ज प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकते हुए शीघ्र व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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परिषदीय प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों के 200 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका : केंद्रीय टीम के सदस्यों ने जांच के दौरान परिषदीय विद्यालयों में गंदगी देख व्यक्त की थी नाराजगी
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