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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

केंद्र सरकार द्वारा बजट न मिलने से फंसा मामला, मॉडल स्कूलों की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक :  ज्यादातर मॉडल स्कूल बनकर तैयार

केंद्र सरकार द्वारा बजट न मिलने से फंसा मामला, मॉडल स्कूलों की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक :  ज्यादातर मॉडल स्कूल बनकर तैयार

लखनऊ : केंद्र सरकार द्वारा मॉडल स्कूलों के संचालन के लिए बजट न देने के फैसले के बाद इनमें चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर भी ब्रेक सी लग गई है। स्थिति यह है कि आवेदन की अंतिम तिथि बीते दो माह से अधिक समय हो गया है। बावजूद इसके भर्ती प्रक्रिया एक कदम नहीं बढ़ सकी।दरअसल, सीबीएसई की तर्ज पर देश भर में मॉडल स्कूल खोले जाने थे। इसके लिए उत्तर प्रदेश में भी 193 मॉडल स्कूलों को मंजूरी दे दी गई। प्रत्येक मॉडल स्कूल के निर्माण पर तीन करोड़ दो लाख रुपए का बजट खर्च कर किया गया। 

चूंकि मॉडल स्कूलों का संचालन एक अप्रैल से शुरू होना था। इसलिए इनमें टीजीटी के 1351 पदों पर ऑनलाइन आवेदन 17 मार्च को मांगे गए थे। जिसकी अंतिम तिथि 7 अप्रैल तय थी। वहीं प्रिंसिपल के 193 पदों पर 21 फरवरी से 9 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। विभागीय जानकारों के मुताबिक टीजीटी में चार लाख से ज्यादा और प्रिंसिपल के लिए साढ़े चार हजार आवेदन आए। नियमानुसार अब तक आवेदकों की शार्टलिस्टिंग के लिए गुणवत्ता अंक के आधार पर अभ्यर्थियों की सूची तैयार हो जानी चाहिए थी। लेकिन इस बीच केंद्र सरकार द्वारा बजट न देने से मामला फंस गया। 

विभाग के अफसरों का कहना है कि यदि प्रिंसिपलों व शिक्षकों की भर्ती कर ली गई तो वेतन आदि खर्चें कहां से आएंगे। इन मुद्दों पर बीते माह मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक बुलाई जानी थी। लेकिन वह निरस्त हो गई। बताया जाता है कि सरकार मॉडल स्कूलों को पीपीपी मॉडल पर चलाने की तैयारी में है। हालांकि इस मुद्दे पर अफसर बोलने को तैयार नहीं हैं।अभ्यर्थी परेशानदो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया पूरी न होने से अभ्यर्थी परेशान हैं। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया कब पूरी होगी, इसको लेकर अभ्यर्थी विभाग की ओर से बनाई गई हेल्पलाइन पर संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पा रहा।

माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं को माध्यमिक स्तर पर गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए स्टेट सेक्टर कम्पोनेन्ट के अधीन 680 शैक्षिक दृष्टि से पिछडे़ विकास खंडों में एक-एक मॉडल स्कूल खोले जाने हैं। पहले चरण में वर्ष 2010-11 में 147 तथा 2012-13 में 44 मॉडल स्कूलों के निर्माण को स्वीकृति मिली थी। बीते अप्रैल से इन मॉडल स्कूलों का संचालन शुरू होना था। लेकिन अब तक ज्यादातर मॉडल स्कूल तैयार हो गए हैं तो केंद्र सरकार ने 2015-16 में इस योजना के लिए बजट देने से इंकार कर दिया। 

           खबर साभार : डीएनए

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