'अधिकारियों की अज्ञानता से बढ़ा मुकदमों का बोझ' : कोर्ट ने कहा, कानूनी स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद भी अधिकारी दे रहे मनमाने आदेश
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगातार बढ़ रहे मुकदमों के बोझ के लिए अधिकारियों की अज्ञानता को कारण बताया है। कोर्ट ने कहा कि बार-बार कानूनी स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद भी अधिकारी मनमाने आदेश दे रहे हैं। इसकी वजह से हाई कोर्ट में मुकदमों का बोझ बढ़ रहा है। सरकार की सहायता के लिए बडी संख्या में सरकारी वकील भी हैं, बावजूद इसके पुलिस अधिकारी कानून ने अनभिज्ञ हैं।
हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ ने ओमप्रकाश सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के केस में स्पष्ट किया है कि सिविल पुलिस से जीआरपी में तबादले के बावजूद दोनों एक ही ब्रांच का पुलिस बल है। इस फैसले के बाद भी एसपी ललितपुर ने जीआरपी में स्थानांतरित पुलिस कर्मियों को सरकारी आवास खाली करने का आदेश दे दिया।
जबकि इनका तबादला ललितपुर में ही हुआ है। कोर्ट ने इसे लेकर दाखिल याचिकाओं को सुनवाई के लिए 16 जुलाई को पेश करने का आदेश देते हुए एसपी ललितपुर से हलफनामा मांगा है। यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल ने जुल्फिकार हुसैन सहित दर्जनों पुलिस कर्मियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट अब इससे जुड़ी सभी याचिकाओं पर 16 जुलाई को सुनवाई करेगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सबसे ज्यादा केस पेंडिंग
इलाहाबाद हाई कोर्ट में सबसे ज्यादा केस पेंडिंग सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए एक शपथपत्र के मुताबिक देश के 24 हाई र्ट में 44 लाख के करीब मुकदमे लंबित हैं। इनमें 34 लाख सिविल और 10 लाख क्रिमिनल मुकदमे हैं। देश के सबसे बड़े इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित मुकदमों की संख्या सबसे अधिक लगभग 9 लाख है। इसमें इलाहाबाद मुख्य पीठ के साथ ही लखनऊ बेंच भी शामिल है जबकि सबसे कम 120 मुकदमे सिक्किम हाई कोर्ट में हैं।
सत्र लाभ पर स्पष्ट करें स्थिति : हाईकोर्ट
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने परिषदीय और मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 30 जून को रिटायर होने वाले अध्यापकों को सत्र लाभ दिये जाने पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। सत्र लाभ दिए जाने की मांग को लेकर कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इस पर कोर्ट 4 जून को एक साथ सुनवाई करेगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट करने के लिए दो दिन का समय दिया है। यह आदेश जस्टिस वीके बिड़ला ने फतेहपुर में एक स्कूल की प्रधान अध्यापिका श्रुतिलेश कुमारी की याचिका पर दिया।
खबर साभार : नवभारतटाइम्स
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