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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सूबे के परिषदीय स्कूलों में फिर शुरू होगी बोर्ड परीक्षा : बच्चों को अब पांचवीं और आठवीं बोर्ड की परीक्षा पास करनी होगी

परिषदीय स्कूलों में फिर शुरू होगी बोर्ड परीक्षा : बच्चों को अब पांचवीं और आठवीं बोर्ड की परीक्षा पास करनी होगी

बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बीएसए और मंडलीय सहायक निदेशकों को सौंपी जिम्मेदारी


~आदेश पत्र देखने के लिए यहां क्लिक करें |

इलाहाबाद : सूबे के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब पांचवीं और आठवीं बोर्ड की परीक्षा पास करनी होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने मंगलवार को फिर से परीक्षा शुरू कराने के आदेश जारी कर दिए। परिषद ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) और मंडलीय सहायक निदेशकों को अनिवार्य रूप से अगले शैक्षिक सत्र से परीक्षा संबंधित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।

प्रदेश में 2011 से शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू होने के बाद पांचवीं और आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं बंद कर दी गई थी। गत दिसंबर में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने राज्य सलाहकार परिषद की बैठक में फिर से परीक्षा शुरू कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद फिर तीन मार्च को हुई परिषद के कार्य समिति की बैठक में परीक्षा कराने का प्रस्ताव पास किया गया। इसी के तहत फिर से बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने आदेश जारी किए गए हैं।

बता दें कि बेसिक शिक्षा मंत्री ने राज्य सलाहकार परिषद से कहा था कि प्रदेश के सभी स्कूलों में परीक्षाएं एक ही दिन कराई जाए। अपरिहार्य कारणों से यदि कहीं परीक्षा नहीं हो पाती है तो तारीखें दोबारा निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा था परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पहले की तरह कक्षा पांच और आठ में परीक्षाएं जरूरी है। इससे बच्चों के साथ अभिभावकों में भी पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ेगा।

       खबर साभार :  दैनिकजागरण

बेसिक स्कूलों में पूर्व की तरह होंगी परीक्षाएं

राज्य मुख्यालय। प्राइमरी स्कूलों में अगले शैक्षिक सत्र में भी पहले की तरह परीक्षाएं होती रहेंगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने बुधवार को यह निर्देश यहां सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिये। 

असल में, शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद से इस बात पर विचार चल रहा था कि प्राइमरी स्कूलों में अब अर्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाए या नहीं। परीक्षाएं न कराये जाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा था कि चूंकि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद स्कूलों में छात्र-छात्र का साल भर मूल्यांकन होता है इसलिए परीक्षा कराने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि बेसिक शिक्षा परिषद ने इस तर्क को खारिज कर दिया। सिन्हा ने आदेश में कहा है कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा सर्वसम्मति से परीक्षाएं कराने पर सहमति व्यक्त की गयी है। परिषद के इस निर्णय के अनुपालन में जिलों में व्यवस्था करें।

        खबर साभार :  हिन्दुस्तान

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