सत्र अपडेट पर किताबें लेट बच्चों के बस्ते मिलेंगे खाली : बेसिक शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली के कारण स्कूलों में मुफ्त बांटी जाने वाली किताबों की आपूर्ति नहीं
कानपुर : नई कक्षा में प्रवेश तो हो गया लेकिन सत्र शुरू होने के तीन माह बाद भी बच्चों के बस्ते खाली हैं। 48 घंटे बाद यह नजारा सभी परिषदीय प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में दिखाई देगा। बेसिक शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली के कारण स्कूलों में मुफ्त बांटी जाने वाली किताबों की आपूर्ति नहीं हुई है।
सीबीएसई की राह पर चलते हुए बेसिक शिक्षा परिषद ने अपने प्राइमरी और जूनियर स्कूलों का नया सत्र एक अप्रैल से करने की घोषणा की थी। इसके लिए मार्च तक स्कूलों में परीक्षाएं करा रिजल्ट बांट दिये गए। गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के पहले नई कक्षा में पहुंचने का अनुभव बच्चों के लिए जितना अच्छा था उतना ही खराब खाली बस्ता लेकर जाने का अनुभव रहा।
बिना पूर्व तैयारी सत्र परिवर्तन की घोषणा ने बच्चों की पढ़ाई का बंटाधार कर दिया। उम्मीद थी कि सत्र की शुरुआत में कुछ दिक्कत आएगी लेकिन यह नहीं पता था कि तीन माह में भी पढ़ाई ट्रैक पर नहीं आ पाएगी। गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद एक जुलाई से स्कूल दोबारा खुलने वाले हैं। सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक प्रशिक्षण रजनीकांत पाण्डेय ने बताया कि कक्षा एक से लेकर पांच तक की किताबें अभी नहीं आई हैं। सिर्फ जूनियर स्कूलों की कक्षा छह और सात की पुस्तकें आई हैं जिन्हें बीआरसी केन्द्रों को पहुंचाने के लिए टेंडर निकालने की तैयारी हो रही है।
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प्राइमरी की पुस्तकें: कलरव, गिनतारा, हमारा परिवेश, रेनबो, संस्कृत, परख, वर्कबुक गणित, वर्कबुक अंग्रेजी।
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जूनियर की पुस्तकें : मंजरी, रेनबो, वर्तिका, अंकगणित, रेखागणित, बीजगणित, विज्ञान, महान व्यक्तित्व, हमारा इतिहास व नागरिक शास्त्र, पृथ्वी और हमारा जीवन, हमारा पर्यावरण, खेल और स्वास्थ्य, कृषि विज्ञान, गृह शिल्प, स्काउट एंड गाइड।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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