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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्रमाण पत्रों के बगैर सत्यापन के ही भुगतान की तैयारी : प्रशिक्षु और समायोजित शिक्षकों को देंगे वेतन, परिषद के इस आदेश से पशोपेश में हैं अधिकारी

प्रमाण पत्रों के बगैर सत्यापन के ही भुगतान की तैयारी : प्रशिक्षु और समायोजित शिक्षकों को देंगे वेतन, परिषद के इस आदेश से पशोपेश में हैं अधिकारी

√16 जून को मुख्यमंत्री प्रशिक्षु और समायोजित शिक्षकों को देंगे वेतन
√परिषद के इस आदेश से पशोपेश में हैं अधिकारी

इलाहाबाद : नव नियुक्त हजारों प्रशिक्षु शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की बगैर जांच पूरी हुए 16 जून को भुगतान की तैयारी है। महत्वपूर्ण यह है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में करीब 2100 शिक्षकों को वेतन का भुगतान लखनऊ में किया जाएगा।  इसी दिन बाकी प्रशिक्षु शिक्षकों और शिक्षा मित्र से दूसरे चरण में सहायक अध्यापक बने शिक्षकों को भी वेतन भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। 

शिक्षकों के भुगतान के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) से चेक और बैंक ड्राफ्ट तैयार करा दिए हैं लेकिन परिषद के इस आदेश से बीएसए से लेकर वित्त एवं लेखाधिकारी तक पशोपेश में हैं। हालांकि कुछ जिलों में जिन प्रशिक्षु शिक्षकों और शिक्षा मित्र से सहायक शिक्षक बने शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन का काम पूरा नहीं हुआ वहां पर अधिकारियों ने अपने बचाव के लिए शपथ पत्र लेकर उनके वेतन भुगतान का चेक या बैंक ड्राफ्ट तैयार करवाया है। फिर भी हजारों की संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिनके प्रमाण पत्रों के सत्यापन का काम लंबित है और बगैर शपथ पत्र लिए वेतन भुगतान का चेक या बैंक ड्राफ्ट बना दिए गए हैं।

गौरतलब है कि दोनों श्रेणी के शिक्षकों में हजारों की संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल करने का मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसी आधार पर प्रमाण पत्रों के सत्यापन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जनवरी में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के निर्देश पर शपथ पत्र (हलफनामा) लेकर पहले बैच में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों को वेतन का भुगतान शुरू कर दिया गया। वर्तमान में हजारों शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए विभिन्न स्तर पर लंबित हैं। इसमें मुख्य रूप से यूपी बोर्ड, विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए भेजे गए हैं।

वहीं कुछ जिलों में बीएसए और वित्त एवं लेखाधिकारी ने जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र के सत्यापन का काम पूरा नहीं हुआ वहां इस बात का शपथ पत्र लिया है उनके द्वारा प्रस्तुत अभिलेख वास्तविक और सही हैं। सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान कोई गलती पाई जाए, तो उसके लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

      खबर साभार : दैनिकजागरण

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