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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

परिषदीय विद्यालयों में अनिवार्य रूप से होंगी अक्टूबर में अर्धवार्षिक, मार्च में वार्षिक गृह परीक्षाएं : परीक्षाओं के नाम पर नहीं होगा मजाक;एनपीआरसी स्तर पर चेक होंगी कॉपियां

परिषदीय विद्यालयों में अनिवार्य रूप से होंगी अक्टूबर में अर्धवार्षिक, मार्च में वार्षिक परीक्षाएं : परीक्षाओं के नाम पर नहीं होगा मजाक;एनपीआरसी स्तर पर चेक होंगी कॉपियां

√एनपीआरसी स्तर पर चेक होंगी कॉपियां

√परिषदीय विद्यालयों में अनिवार्य रूप से होंगी अर्धवार्षिक, वार्षिक गृह परीक्षाए

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों में अब परीक्षाओं के नाम पर खिलवाड़ नहीं हो सकेगा। निजी स्कूलों की तर्ज पर बाकायदा सत्र परीक्षाएं तथा अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। इसके लिए जिला स्तर पर बाकायदा प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्र के कम से कम चार सेट बनाए जाएंगे। इन्हीं प्रश्न पत्रों से परीक्षा आयोजित की जाएगी। बच्चों को भी परीक्षा के लिए कॉपियां दी जाएंगी, जिसके लिए बजट की भी व्यवस्था की जाएगी। शुक्रवार को इस संबंध में सचिव एचएल गुप्ता ने शासनादेश जारी कर दिया। परीक्षा व्यवस्था पर करीब 37 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।परिषदीय विद्यालयों में पहले कक्षा आठ तक बच्चों की परीक्षा आयोजित की जाती थी। लेकिन निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 आने के बाद परीक्षा लेने पर रोक लगा दी गई। साथ ही किसी भी बच्चे को फेल न करने का प्रावधान कर दिया गया।

ये होगा परीक्षा का पैटर्न

अब कक्षा एक से आठ तक में गृह परीक्षाएं होंगी। कक्षा 1 की मौखिक परीक्षा होगी। जबकि अन्य कक्षाओं में मुद्रित प्रश्न पत्र एवं उत्तर पुस्तिकाएं एवं प्रश्न पत्र छात्र-छात्राओं को निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए राज्य स्तर पर आदर्श प्रश्न पत्र तैयार कराए जाएंगे। जिसके आधार पर जनपद स्तर पर प्रश्न पत्र बनाए जाएंगे। अगस्त और सितंबर में सत्र परीक्षाएं होंगी। जिसके लिए 10-10 अंक दिए जाएंगे। अक्टूबर में 30 अंकों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं होंगी। जबकि मार्च में वार्षिक परीक्षाएं 50 अंकों की होगी।

एनपीआरसी स्तर पर चेक होंगी कॉपिया

परीक्षा के बाद कक्षा पांच की वार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न्याय पंचायत संसाधन केंद्र पर किया जाएगा। जबकि कक्षा आठ की वार्षिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन ब्लॉक संसाधन केंद्र पर कराया जाएगा। किसी भी छात्र-छात्रा को फेल नहीं किया जाएगा, बल्कि कक्षा में प्रोन्नति दी जाएगी। इसके अलावा अब बच्चों को बाकायदा रिजल्ट कार्ड भी दिया जाएगा जो कि विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में वितरित होगा।

खबर साभार : अमरउजाला/डीएनए/दैनिकजागरण

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