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बंद हों निजी स्कूल, सबको मिले एक जैसी शिक्षा विद्यालय प्रबन्ध समिति का राज्य स्तरीय सम्मेलन : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने की पैरवी-

प्रदेश के तमाम निजी स्कूल हो चुके हैं बेलगाम : विद्यालय प्रबन्ध समिति के राज्य स्तरीय सम्मेलन में बेसिक शिक्षा मंत्री वसीम अहमद ने बोला 

लखनऊ ( एसएनबी)। प्रदेश के तमाम निजी स्कूल बेलगाम हो चुके हैं। गरीब वर्ग के 25 फीसद बच्चों को शिक्षा देने की शर्त पर इन विद्यालयों ने लीज पर जमीनें लेकर भवन तो खड़े कर दिए, लेकिन गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा के लिए दाखिला नहीं दिया गया। गरीब वर्ग के बच्चों के लिए जारी शिक्षा के विशेष आरक्षण के शासनादेश को भी अनदेखा किया जा रहा है, ऐसे निजी स्कूलों को बंद किया जाना चाहिए।यह बात प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने गुरुवार को गोमती नगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में स्कूल प्रबंधन समिति सदस्यों के राज्य स्तरीय सम्मेलन के अवसर पर कही। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से आए स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों से सफाई एवं अन्य कार्य कराए जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए विद्यालयों में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति किए जाने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि ने दीप जलाकर किया। 


इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबन्ध समिति का गठन इसी सोच के साथ हुआ था कि स्कूलों की देख रेख सीधे अभिभावक के हाथ में रहेगी और उनमें सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यहां रखी गई मांगों को वे शिक्षा मंत्री तक पहुंचायेंगे तथा पूरा करने में सहयोग भी करेंगे। उन्होंने कहा शिक्षा सभी के लिए समान होनी चाहिए जिससे सब जाति के बच्चे एक साथ सरकारी विद्यालयों में ही शिक्षा ग्रहण कर सकें। सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए पैक्स कार्यक्रम के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधक राजकुमार ने बताया कि यह सम्मेलन अब तक किये गये प्रयासों का प्रतिबिम्ब है जो कि 17 जनपदों में 20 साथी संगठनों के सक्रिय व सफल कायरे द्वारा सम्पन्न हो पाया है। इस हेतु वर्ष 2013 में स्कूल प्रबंध समिति के पुनर्गठन में साथी संस्थाओं द्वारा पहल की गई इसमें 15 जनपदों में बेहतर शिक्षा हक अभियान चलाया गया जिसमें कुल 1400 स्कूल प्रबंध समितियों का सफल प्रकार से गठन कराने में हमने सफलता प्राप्त की जिसमें 2500 समुदाय आधारित संगठनों के सदस्य भी इस समिति का हिस्सा बने। आरटीआई फोरम के कन्वेनर अम्ब्रीश राय ने कहा कि कोठारी कमीशन के अनुसार पूरे प्रदेश में समान शिक्षा लागू होनी चाहिए थी परन्तु अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। केन्द्र सरकार ने शिक्षा मद की कटौती कर शिक्षा के साथ अन्याय किया है। एनसीई फोरम के कन्वेनर रमा कान्त राय ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब शिक्षा निजी हाथों में चली जाएगी और दलित व पिछड़े शिक्षा से वंचित रह जाएगें। इस स्थिति में सुधार लाने का कार्य केवल विद्यालय प्रबंध समिति सदस्य ही कर सकते हैं।


 सामाजिक सलाहकार राजनाथ ने कहा कि सभी जगह स्कूल प्रबंध समिति सदस्यों द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है। विधान परिषद सदस्य राकेश सिंह राणा ने कहा कि दोहरी शिक्षा नीति समाप्त की जाए सभी को शिक्षा का समान अधिकार मिलना चाहिए। इस अवसर पर प्रतापगढ़ से आयीं स्कूल प्रबन्ध समिति की सदस्य मीरा देवी, लखनऊ के छोटे लाल लोकमित्र संस्था की श्रीमती शाहीन, ग्राम्या संस्था की सदस्य श्रीमती सावित्री ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अन्त में पैक्स कार्यक्रम अधिकारी नीतेश ने सभी का आभार व्यक्त किया।


इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित उत्तर प्रदेश विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के राज्य स्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते मंत्री वसीम अहमद। 


            खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

बंद हों निजी स्कूल, सबको मिले एक जैसी शिक्षा : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने की पैरवी-

लखनऊ (ब्यूरो)। देश में सभी निजी स्कूलों को बंद कर एक समान शिक्षा व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। इसकी पैरवी करते हुए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें दिलवाने का वादा भी किया। वे राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बृहस्पतिवार को आयोजित स्कूल प्रबंध समिति के सदस्यों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में बोल कर रहे थे। इसमें 16 जिलों की 1000 स्कूल प्रबंध समिति के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि शिक्षा सभी के लिए समान होनी चाहिए ताकि सभी जातियों व वर्गों के बच्चे एक साथ सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर सकें। तो विधान परिषद सदस्य राकेश सिंह राणा ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों की दशा पहले की अपेक्षा अच्छी नहीं हैं। आज तमाम ऊंचे पदों पर कांवेंट स्कूल के प्रोडक्ट ही आ रहे हैं। वहीं आरटीई फोरम के कन्वेनर अंबरीश राय ने कहा कि कोठारी कमीशन के अनुसार पूरे देश में समान शिक्षा लागू होनी चाहिए थी, मगर अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ने शिक्षा मद में कटौती करके गरीबों के साथ नाइंसाफी की है। एनसीई फोरम के कन्वेनर रमाकांत राय ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब शिक्षा पूरी तरह से निजी हाथों में चली जाएगी और दलित व पिछड़े शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। सम्मेलन में पूअरस्ट एरियाज सिविल सोसाइटी प्रोग्राम (पैक्स) के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधक राजकुमार व कार्यक्रम अधिकारी नीतेश भी मौजूद थे।

           खबर साभार : अमरउजाला

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